गणेश पूजा मंत्र – संपूर्ण लिरिक्स, विधि और लाभ

गणेश पूजा मंत्र
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भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजा मंत्र के उच्चारण से करने से समस्त विघ्नों का नाश होता है और कार्य में सफलता प्राप्त होती है। गणपति जी की पूजा विद्या, बुद्धि, समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करती है। इस लेख में आपको गणेश पूजा मंत्र लिरिक्स, विधि और इससे मिलने वाले लाभों की संपूर्ण जानकारी मिलेगी।

गणेश पूजा मंत्र


ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ,
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दंती प्रचोदयात्।

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दंती प्रचोदयात् ।

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दंती प्रचोदयात्।

ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर ,
वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

दन्ताभये चक्रवरौ दधानं,
कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्,
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी ,

गणेशं कनकाभमीडे।

ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्।

ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी,
मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा।

ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा ॥

ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये,
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः।

ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते,
वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः,
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ।
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ,
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ।
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ॥

ॐ गं गणपतये नमः ॥

ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ॥

ॐ एकदंताय वक्रतुंडाय दिगम्बराय ॥

गणेश पूजा मंत्रों का जाप करने से जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। यदि आप गणेश पूजा मंत्र लिरिक्स खोज रहे हैं, तो इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करें। साथ ही, अन्य भक्तिपूर्ण मंत्रों के लिए हनुमान मंत्र, लक्ष्मी मंत्र, और शिव मंत्र भी पढ़ें।

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गणेश पूजा विधि

  1. पूजन की तैयारी
    प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजा स्थान को साफ करके वहाँ गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।

पूजा के लिए दूर्वा, मोदक, धूप, दीप, पुष्प और जल की व्यवस्था करें।

  1. संकल्प और मंत्र उच्चारण करें
    हाथ में जल और फूल लेकर संकल्प करें कि आप भगवान गणेश की पूजा कर रहे हैं।

गणपति ध्यान मंत्र और गणेश गायत्री मंत्र का जाप करें।

  1. पूजन सामग्री अर्पण करें
    गणेश जी को अक्षत (चावल), पुष्प और दूर्वा चढ़ाएं।

मोदक या कोई भी मिठाई का भोग लगाएं।

  1. आरती करें
    घी का दीपक जलाकर गणेश आरती करें।

आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें।

गणेश पूजा मंत्र जाप के लाभ

  1. समस्त विघ्नों का नाश
    भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है।

गणेश पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं।

  1. बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि
    विद्यार्थी और विद्या प्राप्त करने वाले लोग गणेश गायत्री मंत्र का जाप करें।

यह मंत्र स्मरण शक्ति और निर्णय क्षमता को बढ़ाता है।

  1. समृद्धि और सफलता
    व्यापार, नौकरी और वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए गणपति पूजा मंत्र अत्यंत लाभकारी हैं।

यह धन और ऐश्वर्य में वृद्धि करता है।

  1. आध्यात्मिक उन्नति और आत्मशुद्धि
    गणेश मंत्रों के जाप से मानसिक शांति प्राप्त होती है।

यह ध्यान और साधना को गहरा करने में सहायक होता है।