वाराणसी, लहरतारा स्थित माँ दुर्गा धर्मशाला में “धरोहर संरक्षण सेवा संगठन” द्वारा सनातन धर्म और संस्कृति के विस्तार के उद्देश्य को लेकर चल रही “संस्कृति संवाद यात्रा” का चौदहवां पड़ाव आयोजित किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता श्रीमती अनीता तिवारी ने की, और मुख्य वक्ता के रूप में संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने विचार व्यक्त किए।
मुख्य वक्ता कृष्णा नन्द पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में कहा, “सत्य ही सनातन है और सनातन ही मानवता की रक्षक है।” उन्होंने सनातन संस्कृति को मानवाधिकार और मानवीय मूल्यों का संरक्षक बताते हुए कहा कि मानवता की रक्षा के लिए सनातन का विस्तार आवश्यक है, और इसके लिए हर सनातनी को साधक के साथ योद्धा बनने का आह्वान किया।
इस अवसर पर वक्ताओं में राकेश तिवारी ने कहा कि शांति केवल सनातन संस्कृति के मार्ग पर चलकर ही प्राप्त की जा सकती है, और हमारी परंपराएँ संपूर्ण विश्व को सुख की अनुभूति करा सकती हैं। वहीं, श्री राज कुमार मिश्र ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। दीपक मिश्र ने संगठन के कार्यों और उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह समय है जब संपूर्ण सनातन समाज को संगठित होकर अपनी संस्कृति के प्रसार में योगदान देना चाहिए।
इस आयोजन में प्रमुख रूप से मुन्ना तिवारी, राज कुमार मिश्र, दीपक मिश्र, मनोज शर्मा, बृजेश त्रिपाठी, राकेश चौबे, संजय पटेल, घनश्याम सिंह, अजय सेठ, विवेक चौहान, चन्द्रदेव पटेल सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन श्री अवधेश तिवारी ने किया और संचालन डॉ. रविंद्र पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक श्री हनुमान चालीसा पाठ से हुआ।