किसान दिवस पर किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई

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धान की नर्सरी में आने वाली समस्या एवं उसके निदान की जानकारी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया

वर्तमान वित्तीय वर्ष में फेन्सिग की योजना प्रस्तावित है, जिस पर 50 प्रतिशत का अनुदान है, उद्यान विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन किया जायेगा

     वाराणसी। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन हुआ। जिसमें कृषि विभाग के साथ-साथ, सिंचाई खण्ड जौनपुर, नलकूप खण्ड चन्दौली, लधु सिंचाई, मत्स्य, उद्यान, नलकूप, सहकारिता, रेशम, ज्ञानपुर नहर प्रखण्ड भदौही, दुग्ध विकास अधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक, पशुपालन, रेशम, वन विभाग,गन्ना विभाग, यू0पी0नेडा, कृषि विज्ञान केन्द्र, पुलिस विभाग के अधिकारी एवं जनपद के कृषकों द्वारा सहभागिता किया गया।
       किसान दिवस पर सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए अधिक से अधिक कृषकों को योजनाओं से जोडने का प्रयास किया गया। डा0 राहुल सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र कल्लीपुर द्वारा विकसित कृषि अभियान के अन्तर्गत अपनी विचार को साझा करते हुए धान की नर्सरी में आनी वाली विभिन्न प्रकार की समस्या पर प्रकाश डालते हुए धान की नर्सरी में आने वाली समस्या जैसे नर्सरी का पीला पडना, जिंक व आयरन की कमी से होने वाली फसलों को बचाव पर विस्तृत चर्चा करते हुए कृषकों को समस्या का समाधान से अवगत कराया गया। पशुपालन विभाग द्वारा बीमार पशुओं के लिए उपलब्ध एम्बुलेंस सेवा के बारे में विस्तार से बताया गया तथा अवगत कराया गया कि भेड व बकरी पालन हेतु किसानों को विभाग द्वारा अनुदान प्राप्त कराया जाता है जिसका लाभ अधिक से अधिक कृषकों को लेने हेतु अग्रह किया गया। उद्यान विभाग द्वारा खरीफ में अनुदान पर उपलब्ध कराये जाने वाले सब्जी, फल, फूल, आम, अमरूद्व फाल्सा, बेल, केला, इत्यादि की खेती करने हेतु किसान भाइयों को जागरूकता किया गया तथा अवगत कराया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में फेन्सिग की योजना प्रस्तावित है, जिस पर 50 प्रतिशत का अनुदान है। इसके लिए उद्यान विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन किया जायेगा तथा इसमें किसी तरह की समस्या होने पर कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं । मत्स्य विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि अभी विभागीय पोर्टल नही खुला है, पोर्टल खुलने पर इच्छुक कृषक विभिन्न योजना जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, सधन मत्स्य पालन एयरेशन सिस्टम योजना, मत्स्य किसान के्रडिट कार्ड योजना, सामूहिक दुर्धटना बीमा योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की तरफ से वाराणसी जनपद के जिला प्रबन्धन पवन कुमार सिंह द्वारा अवगत कराया गया है कि मौसम खरीफ- 2025 में वाराणसी जनपद में प्रधानमंत्री फसल बीमा येाजना अन्तर्गत 6 फसलें धान, मक्का, बाजरा,ज्वार, उडद एवं अरहर एवं मौसम आधारित फसल बीमा योजना अन्तर्गत दो फसलें केला एवं मिर्च अधिसूचित है जिनका किसान भाई बीमा कर सकते है, जिनके प्रीमियम के बारे में किसानों को अवगत कराया गया और साथ फसल के खराब होने पर किसान व्यक्तिगत अधार पर हुए खराबी के लिए भारत सरकार के टोल फ्री नम्बर 14447 पर घटना घटित होने के 72 घन्टें के अन्दर शिकायत करके क्षतिपूर्ति का लाभ प्राप्त कर सकते हेै। साथ ही बीमा करने की अन्तिम तिथि 30 जुलाई है एवं केला फसल के लिए 30 जुलाई बीमा करने के अंतिम तिथि बतायी गयी है, सभी किसानो को अधिक से अधिक बीमा कराने हेतु अनुरोध किया गया। राजेश कुमार राय, सहायक निदेशक मृदा परीक्षण/कल्चर द्वारा अवगत कराया गया कि मृदा मिट्टी का एक महत्वपूर्ण भाग है। हर वर्ष मृदा परीक्षण हर गाॅव से 100 नमूना लिये जाते है। खरीफ में 1400 ग्रामों में मृदा नमूना एकत्रीकरण का लक्ष्य रखा गया हेै तथा मृदा नमूना एकत्रीकरण एप के माध्यम से किया जाता है तथा परीक्षोपरान्त जो संतुतिया दी जाती है उसी के अनुसार उर्वरकों को प्रयोग किसान भाई करें। जीवांश की मात्रा 0.8 प्रतिशत होना चाहिए कम होने से उत्पादन पर प्रभाव पडेगा। जीवांश की मात्र बढाने के लिये मिट्टी भुरभुरी हो जायेगी, जल धारण क्षमता बढ जाती है। उत्पादन अधिक मात्रा में व उर्वरक कम मात्रा में प्रयोग करना पडता है। चयनित गाॅव में मृदा नमूना निःशुल्क होता है। जिसमें 12 पैरामीटर पर मृदा परीक्षण किया जाते है। 6 मुख्य पैरामीटर होते है, जबकि 6 माइक्रो पैरामीटर पर मृदा परीक्षण किया जाता है। हरी खाद वाली फसलें जैसे ढेैचा, सनई इत्यादि की खेती कर मृदा की स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है। जिला कृषि अधिकारी द्वारा बताया गया कि खरीफ सीजन की समस्त बीज राजकीय कृषि बीज गोदामों पर 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध हेै, जिसका वितरण पी0ओ0एस0 मशीन द्वारा कराया जा रहा। साथ ही साथ निःशुल्क मिनीकिट वितरण में अरहर, मॅूग, उर्द, सावा, कोदो, रागी व मक्का का बीज भी उपलब्ध है जिसकों लाटरी सिस्टम के माध्यम से पहले आओ-पहले पाओं के आधार पर कृषकों को वितरित कराया जायेगा तथा अधिक से अधिक कृषकों को ऑनलाइन आवेदन हेतु अनुरोध किया गया  उप कृषि निदेशक वाराणसी द्वारा कृषकों को विभिन प्रकार कृषि यंन्त्रों की बुकिंग के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया तथा अवगत कराया गया है कि लाटरी सिस्टम द्वारा विभिन्न यंत्रों का बुकिंग लक्ष्य के सापेक्ष 300 प्रतिशत किया जा सकता है। लाटरी सिस्टम द्वारा ऑनलाइन बुकिंग के पश्चात चयनित कृषकों को अनुदान पर विभिन्न प्रकार के यंत्रों को अनुदान पर उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा आगामी महिने में वृहद वृक्षा रोपण अभियान अन्तर्गत प्रत्येक किसानो कों 10-20 पौधे वितरण हेतु उपलब्ध करते हुए वृक्षारोपण कराने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। अन्त में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा किसान दिवस में आये हुए सभी विभागों के अधिकारियों एवं कृषक बन्धुओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कृषकों द्वारा किसान दिवस के माध्यम से जो भी समस्याएं उठायी गयी है, सम्बन्धित अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर उसका समाधान कराना सुनिश्चित करें।
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