86 साल की उम्र में भी समाज को रोशनी दे गए रामजतन पटेल,नेत्रदान कर समाज में बने एक मिसाल

Shiv murti

जीवन भर ईमानदारी और सेवा भाव के लिए पहचाने जाने वाले वाराणासी जिले के सेवापुरी विकास खंड क्षेत्र के ग्राम सभा पूरे गांव निवासी 86 वर्षिय रामजतन पटेल ने अपने निधन के बाद भी समाज को रोशनी देने का काम किया। रविवार रात उनके निधन के बाद परिवार की सहमति से वाराणसी से आई बैंक की टीम गांव पहुँची और उनके नेत्र सुरक्षित कर लिए।

रामजतन पटेल के दो पुत्र प्यारे पटेल और शंकर पटेल ने बताया कि पिता हमेशा समाज सेवा की बातें करते थे। उन्होंने कई बार यह इच्छा जताई थी कि मृत्यु के बाद उनके नेत्र जरूरतमंदों को दान कर दिए जाएँ ताकि किसी अंधेरे में जी रहे व्यक्ति की जिंदगी में उजाला भर सके। पुत्रों ने पिता की इस अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए तुरंत आई बैंक से संपर्क किया।

नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी होने के दौरान गांव में भावुक दृश्य देखने को मिला। आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि रामजतन पटेल ने सचमुच अपने जीवन को सार्थक बना दिया।

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुबाष मौर्या ने कहा कि “रामजतन पटेल का यह कदम पूरे गांव और समाज के लिए प्रेरणा है। यह कार्य उनकी सोच और सेवा भाव को दर्शाता है। ऐसे उदाहरण समाज में नेत्रदान के महत्व को बढ़ाते हैं।”

आई बैंक की टीम ने बताया कि नेत्रदान से दो नेत्रहीनों की जिंदगी रोशन हो सकती है। टीम ने परिवार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कदमों से समाज में जागरूकता फैलती है और ज्यादा से ज्यादा लोग नेत्रदान के लिए प्रेरित होते हैं।

गांव में इस घटना के बाद चर्चा का विषय यही रहा कि जीवन के बाद भी इंसान समाज के लिए कुछ कर सकता है। ग्रामीणों का कहना था कि रामजतन पटेल का यह नेक काम आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श बनेगा।

खबर को शेयर करे
Shiv murti
Shiv murti