“द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्” भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों के बारे में एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र शिव भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रत्येक ज्योतिर्लिंग की महिमा और उसे पूजने के लाभ को विस्तार से बताता है। इस स्तोत्र का उच्चारण करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है, और भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। अगर आप शिव भक्ति में विश्वास रखते हैं तो यह स्तोत्र आपके जीवन को सकारात्मक दिशा देने में मदद करेगा।
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् !
भक्तप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये !!
श्रीशैलशृङ्गे विविधप्रसङ्गे शेषाद्रिशृङ्गेऽपि सदा वसन्तम् !
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेनं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् !!
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् !
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् !!
कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय !
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तं ओङ्कारमीशं शिवमेकमीडे !!
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसं तं गिरिजासमेतम् !
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि !!
याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः !
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये !!
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः !
सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे !!
सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे !
यद्दर्शनात् पातकं पाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे !!
श्रीताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसङ्ख्यैः !
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि !!
यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च !
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि !!
सानन्दमानन्दवने वसन्तं आनन्दकन्दं हतपापबृन्दम् !
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये !!
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् !
वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये !!
ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण !
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च !!
!! इति श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र पूर्ण !!
“द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्” न केवल शिव भक्तों के लिए एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में सुख और शांति पाने का मार्ग भी है। इसके नियमित पाठ से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार आता है। भगवान शिव की असीम कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है। अगर आपने इसे पहले नहीं पढ़ा, तो आज ही इसका पाठ करना शुरू करें और देखिए कैसे आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। शिव की महिमा के साथ आपका हर दिन शुभ हो!