दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना का एक अनुपम स्रोत है, जो भक्ति और शक्ति का प्रतीक मानी जाती है। इसके मंत्र और श्लोक न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और उत्साह का संचार भी करते हैं। दुर्गा स्तुति के बोल सुनने या गाने से मन को शांति और आत्मविश्वास मिलता है। यह हमें माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से हर संकट का समाधान पाने की प्रेरणा देता है।
जय महिषासुर मारिणी मां।
उमा रमा गौरी ब्रह्माणी॥
जय त्रिभुवन सुख कारिणी मां।
हे महालक्ष्मी हे महामाया॥
तुम में सारा जगत समाया।
तीन रूप तीनों गुण धारिणी॥
तीन काल त्रैलोक बिहारिणी।
हरि हर ब्रह्मा इंद्रादिक के॥
सारे काज संवारिणी माँ।
जय जग जननी आदि भवानी॥
जय महिषासुर मारिणी मां।
शैल सुता मां ब्रह्मचारिणी॥
चंद्रघंटा कूष्मांडा मां।
स्कंदमाता कात्यायनी माता॥
शरण तुम्हारी सारा जहां।
कालरात्रि महागौरी तुम हो॥
सकल रिद्धि सिद्धि धारिणी मां।
जय जग जननी आदि भवानी॥
जय महिषासुर मारिणी मां।
अजा अनादि अनेका एका ॥
आद्या जया त्रिनेत्रा विद्या।
नाम रूप गुण कीर्ति अनंता॥
गावहिं सदा देव मुनि संता।
अपने साधक सेवक जन पर॥
सुख यश वैभव वारिणी मां।
जय जगजननी आदि भवानी,
जय महिषासुर मारिणी मां॥
दुर्गा स्तुति के बोल हमें यह एहसास कराते हैं कि हर कठिनाई में माँ दुर्गा का साथ हमारे साथ है। इनके माध्यम से हम अपने जीवन को नए उत्साह, भक्ति और संकल्प से भर सकते हैं। यदि आप रोज़ माँ दुर्गा की स्तुति गाएँ या सुनें, तो यह आपके मन, मस्तिष्क और आत्मा को ऊर्जा और शांति प्रदान करेगा। आइए, माँ दुर्गा की स्तुति के इस अनमोल खज़ाने को अपने जीवन का हिस्सा बनाएँ और उनकी असीम कृपा का अनुभव करे।
