गुरु पूर्णिमा पर गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, पुरोहितों को दिया दान, गुरुजनों का लिया आशीर्वाद

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वाराणसी मे गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर काशी के अस्सी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भोर से ही बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंचने लगे। इस अवसर पर भक्तजनों ने गंगा की अविरल धारा में आस्था की डुबकी लगाकर पुरोहितों को दान दिया। वहीं गुरुजनों को नमन कर उनका आशीर्वाद लिया।
बटुक महाराज ने बताया कि गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह पर्व गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक और सांसारिक गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं तथा उन्हें आदरपूर्वक स्मरण करते हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने की विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। अस्सी घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। भक्तजनों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर दान-पुण्य कर पूण्य के भागी बने।
गंगा का जलस्तर सामान्य से अधिक है, जिससे लोग घाट की ऊपरी सीढ़ियों पर ही स्नान कर रहे हैं। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से घाट पर पुलिस बल भी तैनात रही।
ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। गुरु पूर्णिमा पर काशी के घाटों का यह दृश्य भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक परंपराओं की जीवंत दृश्य देखने को मिला।

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