बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला दोबारा शादी करने के बाद भी अपने पहले पति से गुजारा-भत्ता पाने की हकदार है। कोर्ट ने मुस्लिम वुमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन डाइवोर्स) एक्ट 1986 (MWPA) के प्रावधान को आधार बनाया है। न्यायमूर्ति राजेश पाटिल ने कहा कि ऐसी कोई शर्त नहीं है जो मुस्लिम महिला को पुनर्विवाह के बाद भरण-पोषण पाने से वंचित करती हो।