वाराणसी, काशी नगरी में स्थित दुर्गा कुंड मंदिर आज अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित है। यहां आदिशक्ति मां कुष्मांडा, जो सृष्टि की उत्पत्ति और समृद्धि की जननी हैं, का भव्य दिव्य श्रृंगार किया गया। मां का यह विशेष श्रृंगार भक्तों के लिए अपार आस्था और शक्ति का प्रतीक है।
दुर्गा कुंड मंदिर में मां की मूर्ति को सुंदर वस्त्र, आभूषण, फूल-मालाओं और विशेष दीपों से सजाया गया। मां कुष्मांडा के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। भक्तगण “जय माता दी” के जयकारे लगाते हुए मां का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
मां कुष्मांडा को देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप के रूप में पूजा जाता है, जिनकी कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसा माना जाता है कि आज मां के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में नया प्रकाश आता है।
काशी नगरी की यह दिव्यता और मां कुष्मांडा की महिमा सभी को भक्तिमय बना रही है। माता रानी से प्रार्थना है कि वे सभी भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखें और उनके जीवन को सुखमय बनाएं। जय माता दी!