
दूर-दराज के क्षेत्रों से वाराणसी की तरफ आने वाले लोग महाशिवरात्रि के दिन अन्य शिव मंदिरों में दर्शन प्राप्त करें
अथवा घर पर रहकर श्री काशी विश्वनाथ जी का ऑनलाइन दर्शन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सोशल मीडिया हैंडल्स, यूट्यूब, टाटा स्काई आदि पर प्राप्त कर सकते हैं
द्वार सं0-4 (गोदौलिया द्वार) से सामान्य जन का प्रवेश बाधित रहेगा
महाशिवरात्रि पर्व 25 से 27 फरवरी तक किसी भी प्रकार की विशिष्ट अनुरोध अथवा दर्शन व्यवस्था पूरी तरह से बन्द रहेगी
दर्शन में अत्यधिक समय लगने की सम्भावना है ऐसे में खाली पेट रहने से स्वास्थ्य के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती है
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मोबाइल लॉकर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी
एकल दिशा मूवमेंट प्लान के कारण किसी दुकान इत्यादि में रखे सामान को लेने के लिए अतिरिक्त असुविधा कारित होगी
जन सामान्य मंदिर में प्रतिबंधित सामान यथा मोबाइल, पर्स, स्मार्ट वॉच, चाभी, इयरफोन, इलेक्ट्रानिक्स व धातु आदि का सामान इत्यादि अपने घर या होटल में ही छोड़कर आएं
समूह में आने वाले दर्शनार्थी अपने वापस पहुंचने का स्थल घर या होटल ही तय करके आएं तथा कतार या मंदिर में अलग हो जाने पर एक-दूसरे की प्रतीक्षा में अनावश्यक न रूकें
वाराणसी। महाकुम्भ-2025 पर श्रद्धालुओं के पलट प्रवाह के कारण वाराणसी में पहले से ही देश के विभिन्न प्रांतों से आए दर्शनार्थियों की अत्यधिक संख्या है। महाशिवरात्रि पर्व भी महत्वपूर्ण स्नान तिथि होने के कारण महाशिवरात्रि पर्व 26 दिसंबर दिन-बुधवार को महाकुम्भ से श्रद्धालुओं की अधिक संख्या में काशी आगमन होगा। विभिन्न आखाड़ों से साधु-संतो एवं नागा साधुओं द्वारा शोभायात्रा निकालते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया जायेगा। इस कारण प्रातः 06 बजे से लेकर दोपहर बाद तक गेट नं0-4 (गोदौलिया गेट) की तरफ से सामान्य जन का प्रवेश सम्भव नहीं हो सकेगा।
उक्त जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक कुमार वर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर दर्शनार्थियों की अत्यधिक भीड़ होने की सम्भावना है, जिससे दर्शन के लिए कम समय एवं सामान्य दर्शनार्थियों के लिए गेट नं0-4 पूरी तरह से अवरूद्ध होने के कारण लाईन में लगे दर्शनार्थियों की प्रतीक्षा का समय बढ़ने की सम्भावना है। इसलिए गेट नं0-4 से मन्दिर दर्शन जाने वाले श्रद्धालु ललिता घाट या सरस्वती फाटक के मार्ग से दर्शन करें। ऐसी दशा में निःशक्त जन, वृद्धजन दिव्यांग जन व छोटे बच्चों को विशेष समस्या हो सकती है। उन्होंने उक्त के दृष्टिगत आमजन से अपील की है कि दूर-दराज के क्षेत्रों से वाराणसी की तरफ आने वाले लोग महाशिवरात्रि के दिन अन्य शिव मंदिरों में दर्शन प्राप्त करें अथवा घर पर रहकर श्री काशी विश्वनाथ जी का ऑनलाइन दर्शन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सोशल मीडिया हैंडल्स, यूट्यूब, टाटा स्काई आदि पर प्राप्त कर सकते हैं। सामान्य जन से यह भी अपील है कि महाशिवरात्रि के दिन नागा साधुओं की शोभा यात्रा एवं उनके दर्शन-पूजन का कार्यक्रम होने के कारण गोदौलिया अथवा मैदागिन से होते हुए गेट नं0-4 की तरफ आने वाले रूट का डायवर्जन पुलिस द्वारा किया जाना है। इसलिए दोपहर 1.00 बजे तक सामान्य जनों का श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में गोदौलिया व मैदागिन के रास्ते से प्रवेश सम्भव नहीं हो पायेगा। विभिन्न अखाड़ों से साधु-संतो एवं नागा साधुओं द्वारा अत्यधिक संख्या में शोभायात्रा निकाल कर दर्शन किया जायेगा, जिस कारण द्वार सं0-4 (गोदौलिया द्वार) से सामान्य जन का प्रवेश बाधित रहेगा। गर्मी एवं उमस के वर्तमान वातावरण में अत्यधिक प्रतीक्षा अवधि होने के कारण बच्चों, महिलाओं, वृद्धों आदि के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं/दर्शनार्थियों के अधिक संख्या का दबाव होने के कारण महाशिवरात्रि पर्व 25 से 27 फरवरी तक किसी भी प्रकार की विशिष्ट अनुरोध अथवा दर्शन व्यवस्था पूरी तरह से बन्द रहेगी। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले समस्त दर्शनार्थियों/श्रद्धालुओं से अपील की है कि खाली पेट दर्शन हेतु लाइन में न लगे, क्योंकि महाशिवरात्रि पर्व पर दर्शनार्थियों की अधिक भीड़ होने के दृष्टिगत दर्शन में अत्यधिक समय लगने की सम्भावना है ऐसे में खाली पेट रहने से स्वास्थ्य के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती है। महाशिवरात्रि पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मोबाइल लॉकर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी तथा एकल दिशा मूवमेंट प्लान के कारण किसी दुकान इत्यादि में रखे सामान को लेने के लिए अतिरिक्त असुविधा कारित होगी। इसलिए जन सामान्य मंदिर में प्रतिबंधित सामान यथा मोबाइल, पर्स, स्मार्ट वॉच, चाभी, इयरफोन, इलेक्ट्रानिक्स व धातु आदि का सामान इत्यादि अपने घर या होटल में ही छोड़कर आएं। समूह में आने वाले दर्शनार्थी अपने वापस पहुंचने का स्थल घर या होटल ही तय करके आएं तथा कतार या मंदिर में अलग हो जाने पर एक-दूसरे की प्रतीक्षा में अनावश्यक न रूकें। किसी प्रकार की स्थिति में भागने या दौड़ने का प्रयास न करें तथा सामान्य प्रवाह के अनुसार ही आगे बढ़े। कोई स्वास्थ्य समस्या होने पर निकटतम पुलिस कर्मी, मंदिर कार्मिक या स्वयंसेवी को तत्काल सूचित करें।