
सुहागिन महिलाओं और कन्याओं ने किया भगवान शिव-पार्वती का पूजन,24 घँटे का रखा निर्जला व्रत
वाराणसी जिले के विकास खंड सेवापुरी कपसेठी सहित ग्रामीण अंचलों में हरितालिका तीज के पावन पर्व के अवसर पर प्रत्येक शिवालय और मंदिरों में विशेष पूजन अर्चना का आयोजन किया गया। जहाँ मिर्जामुराद के प्राचीन शिव मंदिर बंगलाचट्टी पर सुबह से ही सुहागिन महिलाओं औरअविवाहित कन्याओं की भारी भीड़ उमड़ी।वही व्रती महिलाओं ने 24 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा कर उनकी आराधना की।मंदिर में श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजन कर पारंपरिक ढंग से तीज की कथा का श्रवण किया। महिलाओं ने अखंड सौभाग्य, पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।
वही पंडित पंकज मिश्रा ने बताया कि हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है।धार्मिक मान्यता है,कि इस व्रत से दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है तथा संतान सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही यह व्रत चंद्र दोष को भी दूर करता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार,भगवान शिव को पति स्वरूप पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तप और हरतालिका तीज का व्रत किया था। तभी से यह प्रथा व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए तथा विवाह योग्य कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए करती हैं।
पूरे दिन मंदिर परिसर में भक्ति-भाव का माहौल बना रहा। और महिलाएं पारंपरिक वेश-भूषा में सज-धज कर आईं और देर रात तक पूजन-अर्चना में शामिल होती रहीं।

