संभल के प्राचीन मंदिर में हनुमान आरती, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

संभल के प्राचीन मंदिर में हनुमान आरती, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
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संभल में स्थित प्राचीन शिव मंदिर का ताला खोले जाने के बाद मंदिर का नजारा पूरी तरह से बदल गया है। मुस्लिम आबादी के बीचों-बीच संकरी गलियों में स्थित इस मंदिर में लंबे समय बाद धार्मिक गतिविधियां शुरू हुईं। मंगलवार को हनुमान आरती के आयोजन के साथ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यह दृश्य श्रद्धा और आस्था का अनोखा उदाहरण पेश करता है।

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

संभल का यह प्राचीन शिव मंदिर वर्षों पुराना है और इसका ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व काफी गहरा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह मंदिर पहले से ही धार्मिक आस्थाओं का केंद्र रहा है। हालांकि समय के साथ मंदिर पर ताले लग गए थे और यहां पूजा-अर्चना बंद हो गई थी। हाल ही में प्रशासनिक निर्णय और जनभावनाओं के मद्देनजर मंदिर का ताला खोला गया।

मंगलवार को हुई विशेष हनुमान आरती

आज मंगलवार को मंदिर में विशेष हनुमान आरती का आयोजन किया गया। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है और इसी मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। संकरी गलियों के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बन रही थी। मंदिर परिसर में गूंजते भजन और श्रद्धालुओं की आवाजों ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।

श्रद्धालुओं की भीड़ से संकरी गलियां हुईं गुलजार

मंदिर तक पहुंचने के लिए संकरी गलियों का सहारा लेना पड़ता है। यह इलाका मुस्लिम आबादी के बीचों-बीच बसा हुआ है। इसके बावजूद आज का नजारा देखने लायक था। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और उनकी आस्था ने इन गलियों को गुलजार कर दिया। लोग दूर-दूर से यहां पहुंचे थे और उन्होंने हनुमान जी की पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया।

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शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ आयोजन

हनुमान आरती का यह आयोजन शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन का सहयोग करते हुए पूरे अनुशासन के साथ आरती में हिस्सा लिया।

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

मंदिर में पूजा-अर्चना के दोबारा शुरू होने से श्रद्धालुओं के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती थी। एक श्रद्धालु ने कहा, “यह हमारे लिए बेहद भावुक क्षण है। वर्षों बाद हम इस मंदिर में भगवान की आरती कर रहे हैं। यह हमारी आस्था और विश्वास की जीत है।”
वहीं, दूसरे श्रद्धालु ने कहा, “हनुमान जी की आरती में हिस्सा लेना सौभाग्य की बात है। अब हम उम्मीद करते हैं कि यहां नियमित रूप से पूजा-पाठ होता रहेगा।”

सांप्रदायिक सौहार्द का उदाहरण

संभल का यह मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक भी है। मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित इस मंदिर के आयोजन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आई। स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने भी इस आयोजन के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया। यह घटना देश के लिए एक आदर्श उदाहरण पेश करती है कि किस तरह सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करते हैं।

प्रशासन की भूमिका और सुरक्षा व्यवस्था

हनुमान आरती के आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी की थी। मंदिर के चारों ओर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और इसमें किसी भी प्रकार की समस्या सामने नहीं आई।

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धार्मिक पर्यटन की संभावना

इस प्राचीन मंदिर के ताले खुलने और धार्मिक गतिविधियों के दोबारा शुरू होने से संभल में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। यह मंदिर न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए बल्कि दूर-दराज से आने वाले भक्तों के लिए भी आस्था का केंद्र बन सकता है। प्रशासन को मंदिर के विकास और आसपास की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।