आजमगढ़ जिले के तालाबों और नदियों के किनारे कार्तिक मास के पावन पर्व पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इस विशेष अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह-सवेरे ही विभिन्न जलाशयों पर पहुंचे और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया।
सूर्य देव की उपासना का यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। लोगों का मानना है कि सूर्य को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। इस अवसर पर व्रतधारी महिलाएं और पुरुष अपने परिजनों के साथ जलाशयों पर पहुंचते हैं और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की कामना करते हैं।
तालाबों के किनारे पूजा सामग्री की दुकानों के साथ-साथ सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए थे। प्रशासन की ओर से शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी तैनात किया गया था। महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था और सफाई का ध्यान रखा गया था ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
आजमगढ़ के तालाबों पर यह दृश्य न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह सामूहिक आस्था और संस्कृति की गहरी जड़ों को भी दर्शाता है।