उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय के निर्देशानुसार वाराणसी में स्थित “संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम” का नाम बदले जाने के विरोध में कांग्रेस ने आज विरोध जताया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी के नेतृत्व में 22 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे राष्ट्रपति को संबोधित एक पत्रक जिला अधिकारी को सौंपा गया।
सरकार के फैसले पर विरोध
कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने इस दौरान कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में वाराणसी में पुराने प्रतिष्ठित स्टेडियम के पुनर्निर्माण के उद्घाटन के साथ ही स्टेडियम से बाबू संपूर्णानंद का नाम हटा दिया गया। इसे काशी की गौरवशाली विरासत का अपमान बताते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल काशीवासियों की भावनाओं का अपमान है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संपूर्णानंद जी के योगदान की अनदेखी है। उन्होंने कहा कि संपूर्णानंद जी का नाम हटाना काशी की विद्वत परंपरा और आदर्श राजनीति की प्रेरणास्पद विरासत का भी अपमान है।
स्टेडियम नाम बदलने पर कड़ी प्रतिक्रिया
जिलाध्यक्ष तिवारी ने गुजरात के मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार पटेल से बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम किए जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि जिस संपूर्णानंद जी का वाराणसी के वैदिक नामकरण में महत्वपूर्ण योगदान रहा, उनके नाम को स्टेडियम से हटा दिया गया। तिवारी ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे इस निर्णय को वापस लें और “डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम” का नाम पुनः बहाल करें।
आंदोलन की चेतावनी
शहर अध्यक्ष रामजी गुप्ता ने इस मुद्दे को नैतिक धर्म और काशी की भावनाओं का सम्मान बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इस अनैतिक कार्य का पुरजोर विरोध करेगी और इसे एक आंदोलन का रूप देगी। विरोध प्रदर्शन में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता, जिनमें डॉ. नारायण मूर्ति ओझा, मधु राय, रजनीकांत पांडेय और अन्य कांग्रेसजन उपस्थित रहे।