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चीफ फायर ऑफिसर ने लिया सीपीआर का प्रशिक्षण

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कार्डियक अरेस्ट में पहला तीन व ब्रेन डेड में पांच मिनट अहम

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वाराणसी -चेतगंज फायर स्टेशन मुख्यालय में शनिवार को राजकीय चिकित्सा अधिकारी डा. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने चीफ फायर ऑफिसर आनंद सिंह राजपूत और उनकी टीम को फायर स्टेशन चेतगंज में लाइव ट्रेनिंग दी। राजकीय चिकित्सा अधिकारी डा. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने कार्डियक अरेस्ट आने पर बरती जाने वाली सावधानियों और सीपीआर से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद कार्डियक अरेस्ट के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। बताया कि कार्डियक अरेस्ट के मरीज के लिए पहला तीन मिनट गोल्डन टाइम होता है। अगर पांच मिनट तक मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिले तो व्यक्ति ब्रेन डेथ का शिकार हो सकता है। इस समय मरीज को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। डा. द्विवेदी ने बताया कि सीपीआर एक मेडिकल थेरेपी की तरह है। इससे कार्डियक अरेस्ट आने पर मरीज को सीपीआर देते हुए अस्पताल पहुंचाया जाता है। सीपीआर तब तक देते रहना चाहिए जब तक एंबुलेंस न आ जाए या मरीज अस्पताल या विशेषज्ञ चिकित्सक चीफ फायर ऑफिसर ने लिया। सीपीआर का प्रशिक्षण राजकीय चिकित्सा अधिकारी ने कार्डियक अरेस्ट आने पर बरती जाने वाली सावधानी बतायी के पास नहीं पहुंच जाए। उन्होंने फायर कर्मचारियों को लाइव कर के बताया कि कैसे सीपीआर दी जाए तो जान बच सकती है। डॉ द्विवेदी ने बताया सीपीआर आम जनमानस को सिखाना बहुत जरूरी है। सीपीआर के विषय में फायर सर्विस के कर्मी प्रशिक्षित होकर आम जन मानस की जान बचाने में सहयोगी सिद्ध होंगे। पिछले वर्ष 2024 में अग्निशमन विभाग ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में ही लगभग 800 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया है और इस वर्ष भी 2 महीने में 172 लोगों को जन मंदिर में रेस्क्यू किया गया है।

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