चंद्र देव आरती एक अत्यंत प्रभावशाली और शुभ अवसर पर गाई जाने वाली भक्ति गीत है, जो चंद्र देव, यानी चंद्रमा के पूजन के लिए समर्पित होती है। चंद्र देव को हिंदू धर्म में मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इस आरती के माध्यम से हम चंद्र देव से कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं ताकि हमारे जीवन में खुशहाली और संतुलन बना रहे। यह आरती विशेष रूप से सोमवार के दिन चंद्रमा की पूजा के दौरान गाई जाती है, लेकिन किसी भी समय इसे गाकर चंद्र देव की आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
चंद्र देव आरती
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ॥
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ॥
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ॥
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ॥
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ॥
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ॥
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें॥
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ॥
चंद्र देव आरती न केवल भक्ति का एक अद्भुत रूप है, बल्कि यह हमारे जीवन में मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक मार्ग भी है। इसके द्वारा हम चंद्र देव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, ताकि हमारा जीवन समृद्ध और संतुलित रहे। इस आरती को नियमित रूप से गाने से जीवन में सुख-शांति और निरंतर उन्नति के रास्ते खुलते हैं। इसलिए, इस आरती को अपने जीवन में अपनाएं और चंद्र देव की कृपा से अपने जीवन को रोशन करें।