29
May
हमारी जीवनशैली चाहे जितनी भी व्यस्त क्यों न हो, आत्मा की शुद्धि और शांति की खोज हर जीव के भीतर स्वाभाविक रूप से होती है। जैन धर्म में "समायिक पाठ" एक ऐसी ही साधना है जो हमें अपने अंदर झाँकने, क्रोध-द्वेष को त्यागने और आत्मा के निकट आने का मार्ग दिखाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि समायिक पाठ क्या होता है, इसे करने की विधि, इससे मिलने वाले लाभ और इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है। पाठ प्रेम भाव हो सब जीवों सेगुणीजनों में हर्ष प्रभो॥करुणा स्रोत बहे दुखियों परदुर्जन में मध्यस्थ विभो॥१॥ यह अनन्त बल शील…