लद्दाख में एवलॉंच की चपेट में आए तीन भारतीय सैनिकों के शव नौ महीने बाद मिले हैं। यह दुखद घटना पिछले साल 28 अक्टूबर को हुई थी। इन सैनिकों की खोज के लिए 18700 फीट की ऊँचाई पर एक कठिन अभियान चलाया गया। इस दौरान बचाव दल ने नौ दिनों तक प्रतिदिन 10-12 घंटे की खुदाई की। भारी बर्फ और कठिन परिस्थितियों के बावजूद, दल ने करीब एक टन बर्फ हटाने के बाद इन सैनिकों के शवों तक पहुंचने में सफलता पाई।
यह अभियान भारतीय सेना के साहस और दृढ़ता का प्रतीक है। अत्यधिक विपरीत परिस्थितियों में भी, सैनिकों ने अपने साथियों की खोज के लिए अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि भारतीय सेना के जवान किसी भी चुनौती का सामना करने और अपने साथियों की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। यह घटना न केवल शहीद सैनिकों की वीरता को सलाम करती है, बल्कि उनके साथी सैनिकों की दृढ़ता और समर्पण को भी उजागर करती है।