फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामले में माफिया मुख्तार को बड़ा झटका, MP-MLA कोर्ट ने खारिज किया आवेदन

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वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने माफिया मुख्तार अंसारी से संबंधित 37 साल पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामले में उसका आवेदन खारिज कर दिया है। मुख्तार अंसारी फिलहाल बांदा जेल में बंद है और वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी।
गाजीपुर जिले से फर्जी तरीके से असलहे का लाइसेंस लेने के मामले में मुख्तार अंसारी की तरफ से उसके अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत में दलील दी गई थी कि इस मामले में मुख्तार अंसारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं का आरोप नहीं बनता है। घटना के समय यह अधिनियम प्रभावी नहीं था। जो अधिनियम प्रभावी था, उसमें सिर्फ लोकसेवक ही आरोपी हो सकते थे। ऐसे में सिर्फ भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आरोप बनता है, जिसका ट्रायल जिले की ही कोर्ट में हो सकता है। मांग की गई थी कि मुकदमे को ट्रायल के लिए गाजीपुर जिले की सक्षम न्यायालय भेज दिया जाए।
अभियोजन की ओर से आपत्ति ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला और एडीजीसी क्रिमिनल विनय सिंह ने दाखिल की थी। दलील दी थी कि विशेष न्यायालय को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमे को सुनने का क्षेत्राधिकार है और यह मुकदमा अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।

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