
भोले बाबा ने डमरू बजाया यह भजन शिव की अद्भुत लीला और डमरू की दिव्य गूंज को समर्पित है। जब भोलेनाथ अपने डमरू की थाप लगाते हैं, तो पूरा ब्रह्मांड ऊर्जा और आनंद से झूम उठता है। इस गीत में भक्तिरस के साथ-साथ वह अलौकिक शक्ति झलकती है जो शिवजी की डमरू से प्रवाहित होती है।
Bhole Baba Ne Damaru Bajaya
भोले, बाबा ने, डमरू वजय,
गौरा को ब्याहने आया ll
तिलक, चढ़ने लगा, लड्डू बटने लगे ll
घर घर में, संदेशा, भिजवाया,
गौरां को, ब्याहने आया l
भोले, बाबा ने, डमरू…
सखियाँ, आने लगी, मंगल गाने लगी ll
भोले को, खूब नचाया,
गौरां को, ब्याहने आया l
भोले, बाबा ने, डमरू…
मंगल, गाने लगी, ढोलक बजने लगे ll
भोले को, खूब सजाया,
गौरां को, ब्याहने आया l
भोले, बाबा ने, डमरू…
मंडप, सजने लगा, फ़ेरे होने लगे ll
ब्रह्मा ने, ब्याह रचवाया,
गौरां को, ब्याहने आया l
भोले, बाबा ने, डमरू…
डोली, सजने लगी, गौरां रोने लगी ll
माता ने, गले से लगाया,
गौरां को, ब्याहने आया l
भोले, बाबा ने, डमरू…
हर हर महादेव
भोले बाबा ने डमरू बजाया सुनते ही मन स्वयं ही भक्ति और उल्लास में खो जाता है। डमरू की गूंज मानो हर हृदय में शिव का आह्वान करती है और भक्त को अपने अराध्य से जोड़ देती है। इस गीत का आनंद लेते हुए यही भाव उमड़ता है—जय भोलेनाथ, हर हर महादेव!

