माँ दुर्गा की स्तुति हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह स्तुति माँ दुर्गा के अद्वितीय रूपों की महिमा का गुणगान करती है, जो भक्तों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाती है। दुर्गा स्तुति का पाठ करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इस लेख में हम दुर्गा स्तुति के लाभ और विधि को विस्तार से जानेंगे, जिससे आप अपनी पूजा को सही और प्रभावी तरीके से कर सकेंगे।
दुर्गा स्तुति लिरिक्स
श्लोक
सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥
दुर्गा स्तुति लिरिक्स
जय जग जननी आदि भवानी,
जय महिषासुर मारिणी मां।
उमा रमा गौरी ब्रह्माणी,
जय त्रिभुवन सुख कारिणी मां॥
हे महालक्ष्मी हे महामाया,
तुम में सारा जगत समाया।
तीन रूप तीनों गुण धारिणी,
तीन काल त्रैलोक बिहारिणी॥
हरि हर ब्रह्मा इंद्रादिक क
सारे काज संवारिणी माँ।
जय जग जननी आदि भवानी,
जय महिषासुर मारिणी मां॥
शैल सुता मां ब्रह्मचारिणी,
चंद्रघंटा कूष्मांडा माँ।
स्कंदमाता कात्यायनी माताम,
शरण तुम्हारी सारा जहां॥
कालरात्रि महागौरी तुम हो,
सकल रिद्धि सिद्धि धारिणी मां।
जय जग जननी आदि भवानी,
जय महिषासुर मारिणी माँ॥
अजा अनादि अनेका एका,
आद्या जया त्रिनेत्रा विद्या।
नाम रूप गुण कीर्ति अनंता,
गावहिं सदा देव मुनि संता॥
अपने साधक सेवक जन पर,
सुख यश वैभव वारिणी मां।
जय जगजननी आदि भवानी,
जय महिषासुर मारिणी मां॥
दुर्गति नाशिनी दुर्मति हारिणी दुर्ग निवारण दुर्गा मां,
भवभय हारिणी भवजल तारिणी सिंह विराजिनी दुर्गा मां।
पाप ताप हर बंध छुड़ाकर जीवो की उद्धारिणी माँ,
जय जग जननी आदि भवानी जय महिषासुर मारिणी माँ॥
इस प्रकार, दुर्गा स्तुति न केवल आपकी भक्ति को प्रगाढ़ करती है, बल्कि यह आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने का एक शक्तिशाली साधन बन जाती है। नियमित रूप से दुर्गा स्तुति का पाठ करके आप माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक होगा। अगर आपने अभी तक हमारे अन्य दुर्गा भजन नहीं पढ़े हैं, तो उन्हें पढ़ें और माँ दुर्गा की कृपा को अपनी जीवन में अनुभव करें।
विधि
- स्थल का चयन: दुर्गा स्तुति का पाठ करने से पहले एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें। ध्यान रखें कि इस स्थान पर किसी प्रकार का विघ्न न हो, ताकि आपकी मानसिक एकाग्रता बनी रहे।
- स्नान और पवित्रता: पूजा से पहले अच्छे से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इससे आपके मन और तन की पवित्रता बढ़ेगी, जो पूजा में सफलता के लिए आवश्यक है।
- दीप जलाना: पूजा स्थल पर दीपक जलाएं। दीपक से माँ दुर्गा की आराधना में विशेष आभा और शांति का अनुभव होता है।
- दुर्गा स्तुति का पाठ: अब दुर्गा स्तुति का पाठ शुरू करें। इसे ध्यान और भक्ति भाव से पढ़ें, ताकि आप माँ के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकें।
- समाप्ति: अंत में माँ दुर्गा का आभार व्यक्त करें और प्रार्थना करें कि वह आपके जीवन में सुख और शांति प्रदान करें।
लाभ
- रक्षा और सुरक्षा: दुर्गा स्तुति का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा मिलती है। यह व्यक्ति को बुरी शक्तियों और संकटों से बचाता है।
- समृद्धि का आह्वान: माँ दुर्गा की पूजा और स्तुति से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है। यह आर्थिक संकटों को दूर करने में मदद करती है और जीवन को सुखमय बनाती है।
- मनोकामना पूर्ति: दुर्गा स्तुति से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती हैं। यह विशेष रूप से व्यापार, करियर और पारिवारिक जीवन में उन्नति लाती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: दुर्गा स्तुति से आत्मिक शांति और संतुलन मिलता है। यह व्यक्ति को अपने जीवन में सही दिशा और उद्देश्य की प्राप्ति में मदद करती है।