बगलामुखि देवी शक्ति की अति प्रचंड और भय नाशक रूप हैं। उनकी पूजा से मनुष्य को नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है। बगलामुखि गायत्री मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है, जो देवी की उपासना में अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस लेख में हम बगलामुखि गायत्री मंत्र की विधि, लाभ और उसके महत्व के बारे में सरल और सहज भाषा में विस्तार से जानेंगे।
गायत्री मंत्र
ॐ बगलामुखि समप्रज्ञायै विद्महे सुनयनेयै
धीमहि तन्नो स्तंभनप्रभा:।
बगलामुखि गायत्री मंत्र की नियमित पूजा से जीवन में अद्भुत सकारात्मक बदलाव आते हैं। यह मंत्र मनुष्य को नकारात्मक प्रभावों से बचाकर उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है। यदि आप भी अपने जीवन में शक्ति और सुरक्षा चाहते हैं, तो इस मंत्र का नियमित जाप अवश्य करें और देवी बगलामुखि की कृपा प्राप्त करें।
विधि
- रोज़ाना सुबह या शाम शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर मंत्र का जाप करें।
- मंत्र जाप के दौरान गहरी सांस लेकर मन को स्थिर और केंद्रित रखें।
- मंत्र का उच्चारण कम से कम 108 बार करें।
- पूजा के बाद देवी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।
- नियमित रूप से 21 दिनों तक इस मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है।
लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुता से रक्षा करता है।
- मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- जीवन में शांति, सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
- न्यायिक और व्यापारिक विवादों में सफलता दिलाता है।
- बुरी नजर और काले जादू से सुरक्षा प्रदान करता है।