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शनि अष्टक: कर्म कटिनों की कृपा प्राप्त करने वाला दिव्य मंत्र

शनि अष्टक: कर्म कटिनों की कृपा प्राप्त करने वाला दिव्य मंत्र

शनि देव की कृपा प्राप्त करने और जीवन की बीरी जन्मों से मुक्ति पाने के लिए "शनि अष्टक" की चौकी और युक्ति चेतन्यता की यात्रा का कार्य जाता है। जो जीव जी की चारा और क्लेश की क्रापा चाहती है। इस लेख में आप जानेंगे की कैसे आप शनि अष्टक का चारा क्तिचन करना चाहते हैं, कैसे करें और इसके क्या क्या लाभ है। शनि अष्टक कोणांतगो रौद्र यमो अथ बभ्रू: कृष्ण: शनि : पिंगल मंदसौरि: !नित्यं स्मृतो यो हरते च पीडां तस्मै नम: श्रीरविनंदनाय !! 1 !! सुरासुरा: किं पुरुषा गजेंद्रा गंधर्व विद्याधर पन्नगाश्च !पीड्यंति सर्वे विषमस्थिते च तस्मै…
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शनि देव जी की चालीसा: जीवन की कष्मता और कृपा की चाबी

शनि देव जी की चालीसा: जीवन की कष्मता और कृपा की चाबी

शनि देव की चालीसा और उनकी उपासना जीवन के दुखों को दूर करने के लिए जानी �91cाती है और अजमे और भविष्य में इसकी पाठ की जाती जा �930ही है। यह चालीसा नकेतर काल और शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए जानी जाती है। इस लेख में आप जानेंगे चालीसा की पाठ की विधि, उसके लाभ और एक संपूर्ण अंत की और प्राकृतिक बात करेंगे। शनि देव की आरती जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव.... श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय…
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शनि देव जी की चालीसा: जीवन की कष्मता और कृपा की चाबी

शनि देव जी की चालीसा: जीवन की कष्मता और कृपा की चाबी

शनि देव की चालीसा और उनकी उपासना जीवन के दुखों को दूर करने के लिए जानी ती है और अजमे और भविष्य में इसकी पाठ की जाती जा ही है। यह चालीसा नकेतर काल और शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए जानी जाती है। इस लेख में आप जानेंगे चालीसा की पाठ की विधि, उसके लाभ और एक संपूर्ण अंत की और प्राकृतिक बात करेंगे। शनि देव जी की चालीसा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की…
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शनि कवच लिरिक्स: काल की काटि हटाने वाले दिव्य रक्षा कवच का चमत्कारी प्रभाव

शनि कवच लिरिक्स: काल की काटि हटाने वाले दिव्य रक्षा कवच का चमत्कारी प्रभाव

जीवन में जब कभी काल की छाया चल रही हो, कार्य के क्षेत्र में कठनाई का सामना काम कर रही हो और योग सुख क्यूक न दे रही हों, टूट काल और शनि की कृपा के भगिर जीवन में क्षोभ और नैतिकता भर जाती है। एसी परिस्थिति काल और ज्योतिष्ठ के प्रभाव को हटाने के लिए जो खोज कवच बनाया गया है, उसे ही और कुछ नहीं। यह शनि कवच प्रचीनागत काल और शनि दोषक की कृपा प्राप्त करने के लिए ऐश्चिक और दिव्य अस्त्राओं का कार्यक्रम् संग्रह है। शनि कवच अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः।। अनुष्टुप् छन्दः।। शनैश्चरो देवता…
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शनि बीज मंत्र: शनिदेव को प्रसन्न करने का रहस्यमयी उपाय

शनि बीज मंत्र: शनिदेव को प्रसन्न करने का रहस्यमयी उपाय

भारतीय ज्योतिषशास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना गया है। वे कर्मों का फल देने वाले हैं और जीवन में अनुशासन, संघर्ष और धैर्य का पाठ सिखाते हैं। जब किसी की कुंडली में शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती या अशुभ स्थिति होती है, तो जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाइयाँ आती हैं। ऐसे में "शनि बीज मंत्र" का जप एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय माना गया है। यह न केवल शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है, बल्कि आत्मबल, संयम और स्थिरता भी प्रदान करता है। शनि बीज मंत्र || ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः || शनि बीज…
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मां ब्रह्मचारिणी की आरती: तप, श्रद्धा और साधना की प्रतीक

मां ब्रह्मचारिणी की आरती: तप, श्रद्धा और साधना की प्रतीक

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ये देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं, जो तपस्या, संयम और साधना की प्रतीक मानी जाती हैं। मां ब्रह्मचारिणी की आरती गाकर भक्तजन अपने जीवन में संयम, शक्ति और तप के गुणों को आत्मसात करते हैं। इस लेख में हम मां ब्रह्मचारिणी की आरती, पूजन विधि और इससे मिलने वाले लाभों पर प्रकाश डालेंगे। मां ब्रह्मचारिणी की आरती जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो।।ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सकल संसारा।।जय गायत्री वेद की माता।जो मन निस दिन…
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खाटू श्याम स्तुति: भक्त की कृपा प्राप्त करने वाली मांत्रिक चेतना

खाटू श्याम स्तुति: भक्त की कृपा प्राप्त करने वाली मांत्रिक चेतना

खाटू श्याम बाबा काल से झूजा के जीवन में कृपा का मार्ग बनाये हुए है। उनकी स्तुति की पाठ जो भक्त की भक्ति को प्रेम से जोड़ेकर करती है, वासी खाटू धाम की चार्चा और भक्तियों की चीता को उझागाती है। इस लेख में हम "khatu shyam stuti" की पाठ, कैसे पढ़े की विधि और उसके जीवन में मिलने वाले चमत्कारी लाभों की जानकारी देंगे। श्री खाटू श्याम स्तुति हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगायदास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज।। धन्य ढूंढारो देश हे खाटू नगर सुजानअनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण।। श्याम श्याम…
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खाटू श्याम चालीसा: श्रद्धा और भक्ति से पूर्ण दिव्य स्तुति

खाटू श्याम चालीसा: श्रद्धा और भक्ति से पूर्ण दिव्य स्तुति

खाटू श्याम जी का नाम लेते ही भक्तों के मन में श्रद्धा की लहर दौड़ जाती है। वे कलियुग के साक्षात भगवान माने जाते हैं, जो अपने भक्तों की पुकार तुरंत सुनते हैं। खाटू श्याम चालीसा एक ऐसी भक्ति रचना है जो श्याम बाबा की महिमा का वर्णन करती है और भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त करने में सहायक होती है। इस लेख में हम “Khatu Shyam Chalisa” के महत्व, पाठ विधि और इसके लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। खाटू श्याम चालीसा दोहा श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद।श्याम चालीसा बणत है, रच चौपाई छंद॥ चालीसा श्याम-श्याम भजि…
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खाटू श्याम जी की आरती: श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम

खाटू श्याम जी की आरती: श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम

खाटू श्याम जी को कलियुग के साक्षात भगवान माने जाते हैं। वे वही श्रीकृष्ण हैं जिन्होंने महाभारत युद्ध में अपने भक्त बर्बरीक को वरदान दिया कि कलियुग में तुम्हारी पूजा श्याम नाम से होगी। खाटू श्याम जी की आरती करना भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला कार्य माना जाता है। यह लेख “khatu shyam ji ki aarti” की महिमा, विधि और लाभ पर आधारित है। खाटू श्याम जी की आरती ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ओम जय श्री श्याम हरे… ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥रतन जड़ित सिंहासन,सिर…
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खाटू श्याम आरती: श्रद्धा, भक्ति और कृपा की अद्भुत अनुभूति

खाटू श्याम आरती: श्रद्धा, भक्ति और कृपा की अद्भुत अनुभूति

खाटू श्याम जी को कलियुग के साक्षात देव माने जाते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से श्याम बाबा का स्मरण करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। खाटू श्याम जी की आरती करना भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि और शक्ति प्रदान करता है। इस लेख में हम "Khatu Shyam Aarti" के पवित्र पाठ के साथ-साथ उसकी विधि और लाभ को भी विस्तार से जानेंगे। खाटू श्याम आरती ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे,खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ओम जय श्री श्याम हरे… ॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे,तन केसरिया बागो,…
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