06
May
भक्ता के भगवान में जब कोई भी खुशि के ज्ञान की चर्चा की जाती है, तो वो है ज्ञान की नीलग शिव जी। शिव जी की आरती भक्तों को यकक शान्ति और देवीक आनंदान के लिए प्रेरित करती है। इस लेख में हम आपको "Shiv Aarti Lyrics" की संपूर्ण लिरिक्स के साथ इसकी पूजा की विधि और गुण के बारे में विस्तार जानकारी करेंगे। शिव आरती लिरिक्स जय शिव ओंकार,ॐ जय शिव ओंकारा…ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा। ॐ जय शिव ओंकारा…एकानन चतुरानन पंचानन राजे,हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे। ॐ जय शिव ओंकारा…दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे,त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन…