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शिव आरती लिरिक्स । भक्तागों की जीवन में भक्ति के जीवन का ज्ञान्य देनार

शिव आरती लिरिक्स । भक्तागों की जीवन में भक्ति के जीवन का ज्ञान्य देनार

भक्ता के भगवान में जब कोई भी खुशि के ज्ञान की चर्चा की जाती है, तो वो है ज्ञान की नीलग शिव जी। शिव जी की आरती भक्तों को यकक शान्ति और देवीक आनंदान के लिए प्रेरित करती है। इस लेख में हम आपको "Shiv Aarti Lyrics" की संपूर्ण लिरिक्स के साथ इसकी पूजा की विधि और गुण के बारे में विस्तार जानकारी करेंगे। शिव आरती लिरिक्स जय शिव ओंकार,ॐ जय शिव ओंकारा…ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा। ॐ जय शिव ओंकारा…एकानन चतुरानन पंचानन राजे,हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे। ॐ जय शिव ओंकारा…दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे,त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन…
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बजरंग बाण: हनुमान जी की कृपा पाने का महाशक्तिशाली उपाय

बजरंग बाण: हनुमान जी की कृपा पाने का महाशक्तिशाली उपाय

बजरंग बाण एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावकारी स्तोत्र है जो श्री हनुमान जी की आराधना के लिए पाठ किया जाता है। जब जीवन में कठिनाइयाँ चारों ओर से घेर लें, मन अशांत हो और शत्रु बाधाएँ उत्पन्न कर रहे हों, तब बजरंग बाण का पाठ करना रामभक्तों के लिए रक्षा कवच बन जाता है। इस लेख में हम आपको बजरंग बाण की विधि, लाभ और इसका आध्यात्मिक महत्व विस्तार से बताएंगे। बजरंग बाण दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥जन के काज…
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Hanuman Gayatri Mantra Lyrics : शक्ति, साहस और संकट मोचन का स्त्रोत

Hanuman Gayatri Mantra Lyrics : शक्ति, साहस और संकट मोचन का स्त्रोत

हनुमान जी को बल, बुद्धि और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। वे राम भक्तों में अग्रगण्य हैं और संकट के समय में सहारा देने वाले देवता हैं। हनुमान गायत्री मंत्र उनकी उपासना का एक अत्यंत प्रभावी और सरल माध्यम है। इस लेख में हम Hanuman Gayatri Mantra Lyrics के साथ-साथ इसकी जप विधि और लाभों पर प्रकाश डालेंगे ताकि आप भी इस मंत्र के दिव्य प्रभाव का अनुभव कर सकें। Hanuman Gayatri Mantra Lyrics ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि,तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात।1। ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि,तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।2। ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि,तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।3। Hanuman Gayatri Mantra न…
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Jai Hanuman Gyan Gun Sagar Lyrics in Hindi : हनुमान जी की कृपा पाने का अमोघ मंत्र

Jai Hanuman Gyan Gun Sagar Lyrics in Hindi : हनुमान जी की कृपा पाने का अमोघ मंत्र

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर हनुमान चालीसा का आरंभिक दोहा है, जो भक्तों के हृदय में आस्था और शक्ति का संचार करता है। यह दोहा न केवल हनुमान जी की महिमा का वर्णन करता है, बल्कि उनके ज्ञान, बल, विनय और भक्ति का भी प्रतीक है। इस लेख में हम इस पावन दोहे के लिरिक्स, पाठ विधि और इसके अद्भुत लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर लिरिक्स हिंदी में दोहा श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं,…
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हनुमान चालीसा पाठ: भक्ति, शक्ति और शांति का अमृतमय स्रोत

हनुमान चालीसा पाठ: भक्ति, शक्ति और शांति का अमृतमय स्रोत

हनुमान चालीसा के पार्थ का पाठ केवल और जीवन में काल्याणीक प्रभाव है। जो भक्त भक्ता श्रद्धा और झीव की शुद्धि के लिए है, वाहीं जानते हैं की Hanuman Chalisa Paath के चमत्कारी और दिव्य गुण पाठ कैसे कैसे करें और उसके लाभ क्या क्या-क्या हैं, इसकी जानकारी आप के साथ साझा करते हैं। हनुमान चालीसा पाठ दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥ चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥रामदूत अतुलित बल धामा,अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥…
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श्री हनुमान जी की आरती: भक्तोकी श्रद्धा और निष्ठा का प्रभावानी साधना

श्री हनुमान जी की आरती: भक्तोकी श्रद्धा और निष्ठा का प्रभावानी साधना

श्री हनुमान जी भगतोके न केवल प्रेम श्रद्धा, शक्ति और निष्ठा के प्रतीक हैं। जब कोई झीवन बाधाओं में हो, मानसिक चिंता की दीवार हो या क्षेम के कार्य में कामयाबी न हो, तो श्री हनुमान जी की आरती का गान और गायन करना अनिवार्य हो जाता है। इस लेख में हम जानेगे की कैसे करें ऐश्च अर्थात और श्र्द्धा के साथ आप श्री हनुमान जी की आरती की गौरवा यात्रा कर सकते हैं। हनुमान आरती आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।जाके बल से गिरिवर कांपे,रोग दोष जाके निकट न झांके।।अंजनि पुत्र महा बलदाई,सन्तन के प्रभु सदा…
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शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इं हिंदी: ऐतिक ज्ञान और योग की क्रानि की चाबि का पाठ्य स्टोत्र

शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इं हिंदी: ऐतिक ज्ञान और योग की क्रानि की चाबि का पाठ्य स्टोत्र

भगवान के ज्ञान छायक महाकालयों में श्री शिव की तांडव रूप और छेदा काला नृत्य स्वरूप अत्यंत माहत्वपूर्ण मानी जाती है। जब जटाये की चीजों में ज्ञान की यात्रा लौध कान्या का चीत्र कालप हो, तब भगवान की चेतना की ज्योति ज्यादा जान प्रगटित हो जाती है। ऐसी महान्य और ज्ञानत्मक स्तोत्र की चार्भिकता शिव तांडव स्तोत्र में मिलती है। इस लेख में हम आपको एक पूर्ण जानकारी काल के साथ ज्ञानत्मक स्तोत्र की लिरिक्स, काठी पाठन विधि और लाभ की जानकारी देंगे। शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले,गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं,चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्।1। जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी,विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि।धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके,किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं…
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शिव चालीसा: काली की जैवन को काल्चित करने वाला भजन

शिव चालीसा: काली की जैवन को काल्चित करने वाला भजन

औम नामाह शिवाय! जो जगत की ज्योति का क्षयाक रखक्षक है, वो और कौन है भकतोकी की अनांत श्रद्धा और क्षेम का ग्यान हैं जिन्हें कालि की चालीसा की रूप में गाया गया है। शिव चालीसा की चार्यांशीकता और उच्चारणता और इस के चमत्कारी लाभों की चर्चा जानकारी की जाएगी। शिव चालीसा दोहा जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल।विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला।भाल चन्द्रमा सोहत नीके, कानन कुण्डल नागफनी के।1। अंग गौर शिर गंग बहाये, मुण्डमाल तन क्षार लगाए।वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे, छवि को देखि नाग मन मोहे।2। मैना…
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जय तुलसी माता: पूजन विधि और दिव्य लाभ

जय तुलसी माता: पूजन विधि और दिव्य लाभ

भारतीय संस्कृति में तुलसी माता का स्थान अत्यंत पावन और पूजनीय है। तुलसी न केवल एक पौधा है, बल्कि देवी स्वरूपा मानी जाती हैं। 'जय तुलसी माता' कहना मात्र से ही मन में श्रद्धा और शुद्धता का संचार होता है। तुलसी पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और समस्त दोष नष्ट होते हैं। इस लेख में हम आपको 'जय तुलसी माता' विषय पर तुलसी पूजन की विधि और उससे प्राप्त होने वाले चमत्कारी लाभों की जानकारी देंगे। Jai Tulsi Mata जय जय तुलसी माता,सब जग की सुख दाता, वर दाता !! !! जय जय तुलसी माता…
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विन्धेश्वरी आरती: शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति का सरल मार्ग

विन्धेश्वरी आरती: शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति का सरल मार्ग

विन्धेश्वरी देवी, जो विंध्याचल के पर्वत पर स्थित हैं, शक्ति की परम रूप हैं। इनकी पूजा और आराधना से भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। विन्धेश्वरी आरती विशेष रूप से शक्तिपीठ के दर्शनों के साथ संकलित की जाती है, और इसे गाने से भक्ति का अनुभव प्रगाढ़ होता है। इस लेख में हम विन्धेश्वरी आरती की विधि और इसके लाभ पर चर्चा करेंगे। आरती सुन मेरी देवी पर्वतवासनी।कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥पान सुपारी ध्वजा नारियल।ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥सुन मेरी देवी पर्वतवासनी।कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥सुवा चोली तेरी अंग विराजे।केसर…
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