Ashu

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पीले राम नाम का प्याला | Peele Raam Naam Kaa Payala

पीले राम नाम का प्याला | Peele Raam Naam Kaa Payala

राम नाम का स्मरण ऐसा अमृत है जो हर दुख को हर लेता है और आत्मा को शांति प्रदान करता है। पीले राम नाम का प्याला भजन भक्त को इस दिव्य अमृतपान का निमंत्रण देता है, जहाँ हर सांस में प्रभु का नाम ही मधुर रस बनकर बहता है। यह भजन भक्ति और आनंद से भरा जीवन जीने का संदेश देता है। Peele Raam Naam Kaa Payala पीलो राम नाम का प्याला—-- राम नाम का प्याला पीके जिसको अमृत हो जाए भरी घूंट जो हाला पीलो राम नाम का प्याला—-- मन को अपने पावन करलो हो जैसे कोई शिवाला पीलो…
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किरपा खुब करी है आज तो नाथो के नाथ जी

किरपा खुब करी है आज तो नाथो के नाथ जी

भक्ति का सबसे बड़ा सुख तब होता है जब भक्त अपने जीवन में प्रभु की कृपा को अनुभव करता है। किरपा खुब करी है आज तो नाथो के नाथ जी यह भजन उसी गहन भाव को अभिव्यक्त करता है। यह रचना भक्त के हृदय में उमड़ते हुए आभार और प्रेम को उजागर करती है, जहाँ हर क्षण केवल भगवान की दया और संरक्षण का ही अनुभव होता है। Kirpa Khub Kari Hai Aaj To Natho Ke Nath Ji किरपा खुब करी है आज तो नाथो के नाथ जी सबको दर्शन देने निकले श्री जगन्नाथ जी संग मे बहन सुभद्रा और…
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कौन मेरी नैया पार उतारे | Kaun Meri Naiya Paar Utaare

कौन मेरी नैया पार उतारे | Kaun Meri Naiya Paar Utaare

जीवन की डगर अक्सर कठिनाइयों और तूफ़ानों से भरी होती है, जहाँ मनुष्य स्वयं को असहाय और अकेला पाता है। ऐसे समय में कौन मेरी नैया पार उतारे यह भजन हमें याद दिलाता है कि सच्चा सहारा केवल प्रभु ही हैं। जब साधक अपने हृदय की नैया ईश्वर को सौंप देता है, तब हर संकट से उबरने का मार्ग स्वयं निर्मित हो जाता है। यह भजन आस्था और समर्पण की शक्ति को जगाकर मन को शांति और विश्वास प्रदान करता है। Kaun Meri Naiya Paar Utaare बिन तुम्हारे कौन उबारे कौन नैया मेरी पार उतारे कौन खेवे पतवार मेरी नैया…
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वृंदा-विष्णु लांवा फेरे | Vrinda-Vishanu Lavaan Fere

वृंदा-विष्णु लांवा फेरे | Vrinda-Vishanu Lavaan Fere

वृंदा–विष्णु लांवा फेरे भजन दिव्य मिलन का अद्भुत प्रतीक है, जहाँ श्रद्धा और प्रेम का संगम होता है। इस भजन को सुनते हुए मन भगवान के पवित्र चरणों में समर्पित हो जाता है और आत्मा को शांति प्राप्त होती है। भक्तजन इसे गाकर अपने जीवन को आध्यात्मिक आनंद और भक्ति रस से सराबोर करते हैं। Vrinda-Vishanu Lavaan Fere वृंदा-विष्णु लांवा फेरे    धुन:  रेश्मी सलवार ते कुर्ता जाली दा ।      बैठे दोनों सज-धज, नेड़े नेड़े ने।                 होंण लगे वृंदा-विष्णु दे फेरे ने॥ इक सांवरा ते इक गोरी। बड़ी सुन्दर सोहनी जोडी॥                       चर्चे इस जोड़ी दे चार चुफेरे ने - होंण लगे....…
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जब भक्त बुलाते हैँ हरि दौड़ के आते हैँ

जब भक्त बुलाते हैँ हरि दौड़ के आते हैँ

भक्ति का सबसे बड़ा आधार यही है कि जब भी भक्त सच्चे हृदय से पुकारते हैं, तो भगवान तुरंत उनके पास पहुँच जाते हैं। जब भक्त बुलाते हैं हरि दौड़ के आते हैं भजन इसी अटल सत्य को प्रकट करता है, जहाँ हरि का प्रेम और करुणा भक्त की पुकार में समा जाता है। यह भजन सुनते ही आत्मा विश्वास और भक्ति के सागर में डूब जाती है। Jab Bhak Bulate Hain Hari Daud Ke Aate Hain जब भक्त बुलाते हैँ जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥ वो तो दीन और दुःखीओं को ॥ आ के…
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देखो शबरी के खुल गए भाग

देखो शबरी के खुल गए भाग

रामायण की कथा में शबरी भक्ति का अनुपम उदाहरण हैं। उनकी वर्षों की तपस्या और प्रभु भक्ति ने उन्हें वह अद्भुत क्षण दिया जब श्रीराम स्वयं उनके आश्रम पधारे। इसीलिए भक्तजन गाते हैं — देखो शबरी के खुल गए भाग, क्योंकि यह घटना साधना और विश्वास की चरम परिणति है। Dekho Sabri Ke Khul Gye Bhag देखो शबरी के खुल गए भाग कुटिया में राम आ गए मेरी कुटिया में गंगा और सरयू स्नान करेंगे श्री राम कुटिया में राम आ गए देखो शबरी के खुल गए भाग कुटिया में राम आ गए मेरी कुटिया में चंदन का पेड़ है…
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हो रही जय जयकार, राम तेरे मंदिर में

हो रही जय जयकार, राम तेरे मंदिर में

मंदिरों में जब आरती की लौ जगमगाती है और भक्तों की आवाज़ एक सुर में उठती है, तो वातावरण राममय हो जाता है। हो रही जय जयकार, राम तेरे मंदिर में की गूंज भक्ति को और भी गहरा बना देती है। यह जयकारा सिर्फ शब्द नहीं बल्कि आस्था और प्रेम का अद्भुत संगम है। Ho Rahi Jaykar Ram Tere Mandir Mai हो रही जय जयकार, राम तेरे मंदिर में भक्तों की लगी है कतार राम तेरे मंदिर में... राम तेरे मंदिर में ब्रह्मा जी आए, ब्रह्मा जी आए संग ब्राह्मणी णी को लाए, वेद पढ़े दिन रात, राम तेरे मंदिर…
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आज अवध में खुशियां छाई, जन्मे हैं देखो रघुराई ,

आज अवध में खुशियां छाई, जन्मे हैं देखो रघुराई ,

जब अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ, तब संपूर्ण अवध में उल्लास और मंगल की ध्वनि गूँज उठी। आज अवध में खुशियां छाई, जन्मे हैं देखो रघुराई भजन उस आनंदमय पल का दिव्य स्मरण है। यह भक्ति स्वर हर भक्त के हृदय में प्रेम और उमंग भर देता है। Aaj Avadh Mein Khushiya Chhai Janme Hai Dekho Raghurai आज अवध में खुशिया छाई, जन्मे हैं देखो रघुराई , आज अवध में खुशिया छाई, जन्मे हैं देखो रघुराई , राम, लखन, भरत, शत्रुधन , जन्मे हैं देखो चार भाई, कौशल्या, सुमित्रा, केकई, दशरथ जी को बहुत बधाई, आज अवध…
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राम की धुन में हो के मगन रोज करता रहूं मैं भजन

राम की धुन में हो के मगन रोज करता रहूं मैं भजन

भक्ति का मार्ग वही है जहाँ मन, वचन और कर्म सब प्रभु के चरणों में समर्पित हो जाते हैं। राम की धुन में हो के मगन रोज करता रहूं मैं भजन यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि जीवन की हर घड़ी प्रभु के नाम में डूबकर ही सच्ची शांति पाई जा सकती है। जब साधक श्रीराम के भजनों में तल्लीन होता है, तो संसारिक क्लेश अपने आप दूर हो जाते हैं और आत्मा को अमृत तुल्य आनंद मिलता है। यह भाव भक्त को भक्ति रस से सराबोर कर परमात्मा से जोड़ देता है। Ram Ki Dhoon Mein Ho Ke…
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नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ।

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ।

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो यह पंक्ति उस आदर्श जीवन की झलक दिखाती है जहाँ मर्यादा, धर्म और संस्कारों का वास हो। जैसे श्रीराम की अयोध्या नगरी सच्चाई और धर्म के प्रकाश से जगमगाती थी, वैसे ही हर घर प्रेम और करुणा का केंद्र बने। इस भाव से भक्ति का एक ऐसा संसार रचता है, जिसमें परिवार और समाज दोनों ही धर्म की डोर से बंधे रहते हैं। Nagari Ho Ayodhya Si Raghukul Sa Garana Ho नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो । और चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो हौ त्याग भारत…
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