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Anuradha Paudwal Ganesh Aarti Lyrics: भक्ति से भरपूर श्री गणेश आराधना

अनुराधा पौडवाल गणेश आरती लिरिक्स
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श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता के रूप में पूजा जाता है। किसी भी शुभ कार्य से पहले गणपति बप्पा का पूजन अत्यंत आवश्यक माना जाता है। भक्ति जगत में सुप्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौड़वाल द्वारा गाई गई गणेश आरती विशेष लोकप्रिय है। “Anuradha Paudwal Ganesh Aarti Lyrics” के माध्यम से हम गणेश जी की कृपा को आमंत्रित कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको आरती के बोल, विधि और इसके लाभ सरल और सहज भाषा में बताएंगे।

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अनुराधा पौडवाल गणेश आरती लिरिक्स


जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

“Anuradha Paudwal Ganesh Aarti” भक्ति भाव से गाकर हम अपने जीवन को विघ्न रहित, सुखमय और समृद्ध बना सकते हैं। गणपति बप्पा की आराधना से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। सच्चे मन से गणेश जी की भक्ति करें और अपने जीवन में उनके आशीर्वाद की अनुभूति करें। गणपति बप्पा मोरया!

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विधि

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • गणेश जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  • शुद्ध जल, फूल, दूर्वा (तीन पत्तियों वाली घास) और मोदक या लड्डू का भोग अर्पित करें।
  • श्रद्धापूर्वक “अनुराधा पौड़वाल गणेश आरती” का गान करें।
  • आरती के समय घंटी बजाते हुए दीपक घुमाएं।
  • संकल्प लें कि आप कार्य में सफलता और विघ्न निवारण हेतु गणपति बप्पा से आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।

लाभ

  1. विघ्न बाधाओं का निवारण – श्री गणेश जी के आशीर्वाद से जीवन की सभी रुकावटें दूर होती हैं।
  2. सभी कार्यों में सफलता – नया कार्य प्रारंभ करने से पहले गणपति पूजन से सफलता सुनिश्चित होती है।
  3. धन-धान्य में वृद्धि – आर्थिक स्थिति में उन्नति होती है।
  4. शांति और समृद्धि – पारिवारिक सुख-शांति प्राप्त होती है।
  5. बुद्धि और विवेक में वृद्धि – श्री गणेश बुद्धि के देवता हैं, उनकी कृपा से निर्णय शक्ति मजबूत होती है।
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Aditya