वाराणसी। गोपालपुर कोरौता स्थित सिटकहवा दैत्रा बीर ब्रह्म बाबा एवं हनुमान मंदिर के वार्षिक श्रृंगार एवं भंडारा मेला आयोजन को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन और पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि वे कार्यक्रम की अनुमति संबंधी आवेदन पर 18 दिसंबर 2024 तक निर्णय लें। न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और बिपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने यह आदेश महंत/पुजारी संजय बाबा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
याचिकाकर्ता संजय यादव ने बताया कि विगत 20 वर्षों से यह धार्मिक आयोजन जिला प्रशासन की अनुमति से अनवरत आयोजित होता आ रहा है। इस वर्ष भी आयोजन हेतु 22 नवंबर 2024 को अनुमति आवेदन प्रस्तुत किया गया था, परंतु प्रशासन की ओर से किसी निर्णय न लिए जाने के कारण कार्यक्रम पर अनिश्चितता बनी हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुचित राजनीतिक दबाव के चलते परंपरागत कार्यक्रम को रोके जाने की कोशिश हो रही थी, जो श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है।
न्यायालय ने सरकार के अधिवक्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि 20 वर्षों तक आयोजन की अनुमति दी गई है, तो इस वर्ष अस्वीकार करने का कोई उचित आधार नहीं है। अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि अनुमति संबंधी आवेदन पर तत्काल निर्णय लेते हुए धार्मिक आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
उच्च न्यायालय के इस फैसले से श्रद्धालुओं में हर्ष है। मंदिर समिति और स्थानीय भक्तों का कहना है कि यह न्यायिक निर्णय उनके धार्मिक आस्था और परंपरा की रक्षा करता है। उन्होंने आशा जताई कि प्रशासन अब पूरी परंपरा के अनुसार कार्यक्रम की अनुमति देगा और आयोजन विधिवत संपन्न होगा।