चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने के बाद घटने लगा गंगा का जलस्तर, तटवर्ती इलाकों में राहत

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2 सेन्टीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा जलस्तर

वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंचने के बाद बुधवार की शाम से घटने लगा है। गुरुवार की सुबह जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की कमी देखी गई। इससे तटवर्ती इलाके के लोगों ने राहत महसूस की है। हालांकि घाट अभी जलमग्न हैं। नमो घाट पर बना नमस्ते स्कल्पचर डूबा हुआ है। वहीं आसपास के इलाकों में भी पानी भरा हुआ है। ऐसे में प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
पिछले कई दिनों से गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही थी। जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से लगभग एक मीटर नीचे तक पहुंच गया था। बुधवार की दोपहर में गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया। वहीं शाम 6 बजे से जलस्तर में कमी शुरू हो गई। आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में कमी देखी गई। गुरुवार की सुबह जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की गिरावट रिकॉर्ड की गई। जलस्तर 68.76 मीटर रिकॉर्ड किया गयाा। एक दिन पहले तक जलस्तर बढ़ने के चलते घाट डूब चुके हैं। वहीं आसपास के इलाकों में पानी फैल गया है। गंगा के पलट प्रवाह के चलते वरूणा भी उफान पर हैं। वरूणा का पानी बढ़ने के साथ ही तटवर्ती इलाके के लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के बाद लोगों को तमाम तरह की दुश्वारियां झेलनी पड़ी हैं। सलारपुर बाढ़ राहत शिविर में कई परिवारों के लोग शरण लिए हुए हैं। प्रशासन ने संभावित बाढ़ को देखते हुए बाढ़ राहत शिविरों में पहले ही सारी तैयारी पूरी कर ली है। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है।सुरक्षा की दृष्टि से एनडीआरएफ और जल पुलिस नज़र बनाए हुए हैं।

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Shiv murti