वाराणसी: जिला एवं सत्र न्यायालय, वाराणसी ने बीएचयू के सुरक्षा कर्मियों पर 20 साल पहले हुए हमले के मामले में सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट ने साक्ष्यों की कमी, अभियोजन पक्ष की कमजोर पैरवी, और गवाहों के बयान से मुकरने के कारण संदेह का लाभ देते हुए चारों आरोपियों को बरी कर दिया।
यह मामला 19 जुलाई 2004 का है, जब बीएचयू के सुरक्षा कर्मियों रामऔतार, ओमप्रकाश, और धीरेंद्र सिंह ने नरिया तिराहे पर पूर्व पार्षद वरुण सिंह, सुरेंद्र पटेल, कमल पटेल, और राजेंद्र सिंह लहरी पर टाटा सूमो कार को घेरकर मारपीट करने और वाहन को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया था।
BHU में टहलने से रोकने पर हुआ था विवाद
यह घटना तब हुई जब बीएचयू के सुरक्षा कर्मियों ने आमजन को परिसर में टहलने से रोका था, जिसके बाद विवाद बढ़ गया और सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया गया। इस घटना के बाद लंका थाने में पूर्व पार्षद वरुण सिंह और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
20 साल तक चली इस केस की सुनवाई के बाद, एसीजेएम तृतीय पवन कुमार सिंह की अदालत ने यह निर्णय सुनाया। अभियुक्तों के वकील हरिशंकर मिश्रा “मंचल” ने अदालत में जोरदार तरीके से बचाव पक्ष रखा, जबकि वादी रामऔतार द्वारा लगाए गए आरोप जिरह के दौरान साबित नहीं हो सके। अन्य गवाहों ने भी अभियोजन का समर्थन नहीं किया, जिसके आधार पर न्यायाधीश ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपियों को बरी कर दिया।
रिपोर्ट-सोनाली पटवा