
मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच के एक मामले में अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है। उनके साथ मंसूर अंसारी को भी दोषी पाया गया है और दोनों पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए एक विवादित बयान से जुड़ा है, जिसमें अब्बास अंसारी ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद अधिकारियों से हिसाब बराबर किया जाएगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर 24 घंटे की रोक लगा दी थी और बाद में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ।
अब अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए सजा सुना दी है। अब्बास अंसारी का कहना है कि उन्हें अपनी बात पूरी तरह रखने का अवसर नहीं मिला, इसलिए वे हाई कोर्ट में अपील करेंगे। इस सजा के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या इससे उनकी विधायकी पर असर पड़ेगा।
भारतीय कानून के अनुसार, अगर किसी विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उसकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जा सकती है। हालांकि, जब तक हाई कोर्ट से अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक उनकी सदस्यता पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि 2022 में अब्बास अंसारी ने पहली बार मऊ से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। उस समय सुभासपा और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में सुभासपा भाजपा के साथ चली गई। अब यह देखना होगा कि हाई कोर्ट में अगला कदम क्या होता है।