आरती माता नैना देवी का महत्व भारतीय धार्मिक परंपरा में अत्यधिक है। यह आर्टी विशेष रूप से माता नैना देवी के भक्तों द्वारा गाई जाती है, जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित माता नैना देवी के मंदिर में विराजमान हैं। माता नैना देवी की पूजा औरआरती का गान भक्तों के दिलों में विश्वास और श्रद्धा को और भी प्रगाढ़ करता है। यह आरती देवी के दिव्य गुणों का बखान करती है और भक्तों को मानसिक शांति और आशीर्वाद का अनुभव कराती है। आइए, इस आरती के माध्यम से हम माता के आशीर्वाद को महसूस करें और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करें।
आरती माता नैना देवी
तेरा अदभुत रूप निराला,
आजा! मेरी नैना माई ए ॥
तुझपै तन मन धन सब वारूं,
आजा मेरी नैना माई ए॥
सुन्दर भवन बनाया तेरा,
तेरी शोभा न्यारी ॥
नीके नीके खम्भे लागे,
अद्-भुत चित्तर करीतेरा रंग बिरंगा द्वारा॥
झाँझा और मिरदंगा बाजे,
और बाजे शहनाई॥
तुरई नगाड़ा ढोलक बाजे,
तबला शब्त सुनाई।
तेरे द्वारे नौबत बाजे ॥
पीला चोला जरद किनारी,
लाल ध्वजा फहराये॥
सिर लालों दा मुकुट विराजे,
निगाह नहिं ठहराये।
तेरा रूप न वरना जाए ॥
पान सुपारी ध्वजा,
नारियल भेंट तिहारी लागे ॥
बालक बूढ़े नर नारी की,
भीड़ खड़ी तेरे आगे ।
तेरी जय जयकार मनावे ॥
कोई गाए कोई बजाए,कोई ध्यान लगाये ,
कोई बैठा तेरे आंगन में,नाम की टेर सुनाये ।
कोई नृत्य करे तेरे आगे ॥
कोई मांगे बेटा बेटी,
किसी को कंचन माया ॥
कोई माँगे जीवन साथी,
कोई सुन्दर काया।
भक्तों किरपा तेरी मांगे ॥
माता नैना देवी की आरती न केवल एक भक्ति गीत है, बल्कि यह हमारी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक भी है। इसके गायन से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मन को शांति मिलती है। माता का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे और उनका मार्गदर्शन हमें सच्चे रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करे, यही हमारी हार्दिक शुभकामनाएँ हैं। इस आरती को श्रद्धा भाव से गाकर हम अपनी भक्ति को और भी मजबूत बना सकते हैं।