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आमिर खान ने बताया: महाभारत बनाने से डर क्यों लग रहा है.

आमिर खान ने बताया
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बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट, आमिर खान, जिनकी फिल्मों ने हमेशा दर्शकों को सिनेमा की नई दिशा में सोचने पर मजबूर किया है, ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया। पिछले कुछ सालों से आमिर खान यह घोषणा करते आ रहे थे कि वह महाभारत जैसे महाकाव्य को बड़े पैमाने पर फिल्मी पर्दे पर लाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर गंभीरता से काम करना शुरू किया था, लेकिन अब अचानक उन्होंने इससे पीछे हटने का फैसला लिया है। उनके इस निर्णय ने न केवल उनके फैंस, बल्कि पूरे फिल्म इंडस्ट्री को हैरान कर दिया है

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आमिर ने बताया कि महाभारत जैसे बड़े प्रोजेक्ट को बनाने के पीछे जो डर और चिंताएं हैं, उनका सामना करना आसान नहीं था। महाभारत का प्रक्षेपण न केवल एक फिल्म बनाना, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास के सबसे बड़े ग्रंथों में से एक को पुनः जीवित करने जैसा कार्य है।

महाभारत: एक महाकाव्य की चुनौती

महाभारत भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके कहानीकारों और पात्रों के बीच गहरी राजनीतिक, सामाजिक और नैतिक जटिलताएँ भी हैं। आमिर खान का कहना है कि यह एक बहुत बड़ा और चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसके लिए न केवल तकनीकी रूप से सक्षम टीम चाहिए, बल्कि यह भी जरूरी है कि कहानी को ऐसे रूप में प्रस्तुत किया जाए जो दर्शकों के दिलों को छू सके और सही संदेश दे सके।

महाभारत पर फिल्म बनाना कोई साधारण काम नहीं है। इसे बनाने में एक बड़ी टीम, भारी बजट, और समय की भी आवश्यकता होती है। आमिर ने कहा कि इस महाकाव्य की कहानी इतनी विशाल है कि इसे स्क्रीन पर ठीक से प्रस्तुत करना एक बहुत बड़ी चुनौती है, जिसे वह सही तरीके से करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “महाभारत जैसे ग्रंथ की फिल्म बनाने में बेहद जिम्मेदारी आती है। इसे दर्शकों के सामने इस तरह पेश करना, जिससे उसकी ऐतिहासिकता और धार्मिकता की गरिमा बनी रहे, बेहद जरूरी है।”

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रिसर्च और तैयारी का लंबा दौर

आमिर खान ने महाभारत पर काम शुरू करने से पहले इसके बारे में गहरी रिसर्च की थी। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए ऐतिहासिक ग्रंथों, विद्वानों और धार्मिक गुरुओं से भी सलाह ली थी। वह चाहते थे कि महाभारत को केवल एक फिल्म के तौर पर न प्रस्तुत किया जाए, बल्कि उसे एक गहरे और सशक्त तरीके से प्रस्तुत किया जाए जो सभी आयामों को छू सके।

आमिर ने अपने इस प्रोजेक्ट के लिए कई वर्षों तक तैयारी की थी। वह यह चाहते थे कि महाभारत को एक महाकाव्य के रूप में प्रस्तुत किया जाए, जो दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान करे, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति नई समझ भी दे। हालांकि, जब उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ने का फैसला किया, तो उन्होंने महसूस किया कि यह इतना सरल नहीं है जितना वह सोचते थे।

क्यों महाभारत बनाने से डर रहे हैं आमिर

आमिर खान का कहना है कि महाभारत जैसी फिल्म बनाने के लिए जिस जिम्मेदारी का अहसास होता है, वह बहुत भारी है। उन्होंने महसूस किया कि यह एक ऐसा विषय है जिसे हल्के-फुल्के तरीके से नहीं लिया जा सकता। उन्हें डर था कि अगर वह महाभारत को ठीक से नहीं बना पाए, तो इसके गलत प्रभाव हो सकते हैं। महाभारत के पात्र और घटनाएँ इतने जटिल और गहरे हैं कि अगर इन्हें ठीक से प्रस्तुत नहीं किया गया, तो यह पूरे प्रोजेक्ट को न केवल विफल बना सकता है, बल्कि इसका गलत संदेश भी जा सकता है।

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आमिर का कहना है कि इस परियोजना को सफलतापूर्वक पेश करने के लिए न केवल सही स्क्रिप्ट और निर्देशक की जरूरत है, बल्कि यह भी जरूरी है कि टीम की सोच और दृष्टिकोण इस महाकाव्य के अनुरूप हो। यदि किसी भी स्तर पर भी कोई चूक हुई, तो यह पूरी फिल्म और इसके संदेश को प्रभावित कर सकता था।

महाभारत बनाने का दबाव और जिम्मेदारी

महाभारत भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसके हर पात्र और घटना का भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव है। आमिर खान ने यह भी बताया कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इस फिल्म में महाभारत के हर पहलू को सही तरीके से दिखाया जाए। लेकिन जब वह इस प्रोजेक्ट के विशाल दायरे और संभावित खतरों के बारे में सोचते थे, तो उन्हें एक डर लगता था। वह नहीं चाहते थे कि महाभारत जैसी फिल्म को किसी प्रकार की आलोचना का सामना करना पड़े या फिर यह भारतीय जनता की उम्मीदों पर खरा न उतरे।

आमिर ने अपने डर को इस प्रकार व्यक्त किया: “महाभारत एक ऐसी फिल्म है जिसे यदि सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया, तो इसके परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं। यह फिल्म केवल एक मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह एक संदेश भी है। इसके गलत या अधूरे तरीके से पेश होने से यह गलत धारणाओं का कारण बन सकता है।”

महाभारत के प्रति उनके विचार।

महाभारत पर विचार करते समय, आमिर ने इसे एक अवसर के रूप में देखा था, लेकिन समय और तैयारी के बाद उन्होंने महसूस किया कि यह एक जिम्मेदारी से कहीं बढ़कर है। उन्होंने यह भी कहा कि, “महाभारत सिर्फ एक कहानी नहीं है, यह हमारे जीवन का हिस्सा है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसलिए मैंने इसे नहीं करने का निर्णय लिया।”

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आमिर के निर्णय का महत्व

आमिर खान के इस निर्णय से यह भी स्पष्ट होता है कि वह एक फिल्म निर्माता के रूप में केवल पैसा और शोहरत के लिए काम नहीं करते। उनका उद्देश्य केवल अच्छे और प्रभावशाली फिल्म बनाने का है, जो दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ सके।

यह कदम यह भी दिखाता है कि आमिर खान भारतीय सिनेमा में गुणवत्ता और जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि कभी-कभी सबसे बड़ा साहस एक कदम पीछे हटने में होता है, ताकि आप किसी चीज को सही तरीके से कर सकें।

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