
वाराणसी। बॉलीवुड अभिनेत्री भाग्यश्री काशी प्रवास पर रहीं। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन किए और रिक्शे पर बैठकर काशी की संकरी गलियों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने यहां की प्रसिद्ध मलइयो, गुगनी और मसालेदार मटर का स्वाद भी लिया। भाग्यश्री ने नाव से गंगा की सैर की, सेल्फी लीं और वीडियो भी बनाए। करीब 24 घंटे काशी में बिताने के बाद वह आज सुबह रवाना हो गईं।

शुक्रवार शाम मीडिया से बातचीत में भाग्यश्री ने कहा कि यह उनका पहला काशी दौरा नहीं है। हर बार यहां आने की एक अलग तड़प रहती है। चाहे कितनी भी भीड़ हो, काशी में एक अंदरूनी शांति और गहरा जुड़ाव महसूस होता है, जो बड़े महानगरों में नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि काशी केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि आत्मिक अनुभूति का केंद्र है। यहां कहा जाता है कि खुद को खोकर ही खुद को पाया जा सकता है। यह महादेव का शहर है। साल खत्म होने से पहले बाबा विश्वनाथ के दर्शन की इच्छा थी और ऐसा लगा जैसे बुलावा अपने आप आ गया।
भाग्यश्री ने दशाश्वमेध घाट पर विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती में भी शिरकत की। करीब 30 मिनट तक वह घाट पर मौजूद रहीं और आरती देखकर मंत्रमुग्ध नजर आईं। उन्होंने कहा कि गंगा आरती के दौरान जो सुकून मिलता है, वह दुनिया में कहीं और नहीं मिल सकता। यहां केवल देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोगों को आना चाहिए। उन्होंने इच्छा जताई कि अगले साल देव दीपावली पर वह बच्चों और पूरे परिवार के साथ काशी आएंगी।
अभिनेत्री ने कहा कि बनारस, काशी या वाराणसी जो भी कहें, यह दुनिया का सबसे प्राचीन शहर और महादेव का शहर है। यह कलाकारों की भी धरती है, बड़े-बड़े कलाकारों की जड़ें काशी से जुड़ी रही हैं। उन्होंने कहा कि अब उनका काशी से गहरा लगाव हो गया है।
इस अवसर पर गंगा सेवा निधि द्वारा भाग्यश्री को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। उनसे ऑटोग्राफ के माध्यम से काशी के बारे में दो शब्द लिखने का आग्रह किया गया, जिस पर उन्होंने लिखा, “अद्भुत काशी, दिव्य काशी, भव्य काशी।”
गंगा आरती के बाद भाग्यश्री ने दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया तक पैदल भ्रमण भी किया। कार्यक्रम के दौरान गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा, कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।