magbo system

Sanchita

“मैं जीना चाहता था, मरने जा रहा हूं…” वाराणसी में 498A कानून के दुरुपयोग का शिकार युवक ने की आत्महत्या, अंतिम वीडियो वायरल

वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के बनकट गांव में रहने वाले राहुल मिश्रा (30 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली। राहुल ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में लगभग साढ़े सात मिनट का एक वीडियो बनाया, जिसमें उसने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के दुरुपयोग और अपने जीवन में आ रही समस्याओं के बारे में खुलकर बताया। इस वीडियो में राहुल ने अपनी पत्नी संध्या सिंह, उसकी सास मांडवी, और उसके प्रेमी शुभम सिंह द्वारा लगातार की जा रही प्रताड़ना के बारे में बताया। राहुल का दावा था कि उसने पत्नी और उसके प्रेमी के बीच अवैध संबंधों के चलते अत्यंत मानसिक दबाव झेला और अंततः यह सब सहन न कर वह आत्महत्या करने को मजबूर हो गया।

VK Finance

राहुल और संध्या ने पांच वर्ष पहले प्रेम विवाह किया था। उनका एक डेढ़ साल का बेटा भी था। मामले में मृतक की मां रानी देवी ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि संध्या, मांडवी और शुभम की ओर से लगातार उत्पीड़न और धमकियों के कारण राहुल ने अपनी जान दी। इस परिवारिक कलह में सबसे बड़ी वजह राहुल का संध्या के प्रेमी शुभम सिंह के साथ मामले को लेकर लगातार दबाव में रहना था। बताया गया कि राहुल को बार-बार तलाक देने का दबाव बनाया गया और जब उसने इन दबावों को अस्वीकार किया, तो जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं।

घटना के दिन, आठ दिसंबर को राहुल अपने ससुराल लखनपुर जाकर संध्या और अपने बेटे को लेने गया था, लेकिन संध्या सहयोग नहीं कर रही थी। इसके बाद संध्या और शुभम ने राहुल पर तलाक देने का दबाव डाला, जो राहुल ने स्वीकार नहीं किया। इस विवाद ने इतने तनाव को जन्म दिया कि राहुल ने आत्महत्या का फैसला किया। उसने अपनी मौत से पहले लाइव वीडियो बनाकर अपनी पूरी कहानी बताई और इस मामले की पूरी जिम्मेदारी पत्नी, सास और प्रेमी पर डाली।

घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुँच गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर फोरेंसिक जांच शुरू कर दी। पुलिस ने मृतक की मां की तहरीर पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया है, लेकिन अभी तक आरोपितों—पत्नी, प्रेमी और सास—की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस उनका पता लगाने में लगी है।

यह दुखद घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आई है, बल्कि यह भी सामने लाई है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498A के दुरुपयोग के कारण कई बार निर्दोषों को भी मानसिक प्रताड़ना सहनी पड़ती है। ऐसे मामलों में पीड़ित पक्ष का मनोबल टूट जाता है और वे आत्महत्या जैसे गंभीर कदम पर पहुंच जाते हैं।

समाज के लिए यह एक चेतावनी भी है कि घरेलू हिंसा, पारिवारिक कलह एवं कानून के दुरुपयोग के मामलों पर संवेदनशीलता और समझदारी से काम लेने की जरूरत है। न्याय सुनिश्चित करते हुए कानून को इस तरह से सुधारा जाना चाहिए कि वह सच्चे पीड़ितों की रक्षा करे, तथा किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोका जा सके।

राहुल मिश्रा का यह 498A कानून के शिकार होने का दर्दनाक आख़िरी बयान अब पूरे देश में सोशल मीडिया और चर्चा के केंद्र में है, जिससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या कानून को और अधिक मानवीय और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है, ताकि न्याय दिलाने के साथ किसी की जिंदगी अधूरी न रहे।

खबर को शेयर करे

Leave a Comment