
चंदौली। युवक की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के लिए शव को छिपाने के मामले में दंपति समेत छह आरोपितों को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) चंदौली अशोक कुमार की अदालत ने मुजफ्फरपुर, चकिया, चंदौली निवासी आरोपित बेनी, उसकी पत्नी कंचन के साथ ही मुजफ्फरपुर, चकिया, चंदौली निवासी दिनेश, हरिश्चंद्र, इंदल व पिपरहट, चकिया, चंदौली निवासी बबलू उर्फ नन्हे उर्फ नाना को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में आरोपित बेनी और कंचन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप कुमार यादव व संदीप यादव ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मुजफ्फरपुर चकिया, चंदौली निवासी वादी रामनाथ ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 13 मार्च 2022 की रात्रि करीब 11:30 से मेरा 18 वर्षीय लड़का अजय बिना बताये घर से कहीं चला गया था। काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका कहीं पता नहीं चला तो इस बाबत गुमशुदगी दर्ज कराई। उसे शंका है कि उसके लड़के अजय का गांव के ही बेनी व उसकी पत्नी कंचन जिसकी लड़की से उसके लड़के का प्रेम सम्बन्ध चल रहा था, उन्होंने ही उसके लड़के अजय से रंजिश व खुन्नस रखते थे। जिसके चलते बेनी एवं उसकी पत्नी कंचन ने अपने अन्य सहयोगियो के साथ मिलकर उसके लड़के अजय को जान से मारकर हत्या कर दिये एवं उसके लड़के अजय की हत्या करके उसके शव को छिपा दिये थे। इस बीच 20 मार्च 2022 को दोपहर समय करीब 1:00 बजे दिन में गांव के लोगो द्वारा खबर फैला मिला कि हथिनियां पहाड़ी पर एक शव पड़ा है, जिस पर वादी एवं उसके परिवार के लोग भी जाकर देखे एवं पहचान किया गया तो शव उसके लड़के अजय का है, जो क्षत-विक्षत पड़ा है। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा देर कर विवेचना के दौरान आरोपित बेनी व उसकी पत्नी कंचन को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उनके निशानदेही पर अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था।