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संविदाकर्मियों की छटनी पर बनारस के बिजलीकर्मी करेंगे अनिश्चितकालीन आंदोलन



संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल कल मिलेगा अधीक्षण अभियंता मण्डल द्वितीय से
निजीकरण के खिलाफ 369वें दिन भी जारी रहेगा विरोध

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वाराणसी, 29 नवंबर 2025।
विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में बिजली निजीकरण के विरोध में चल रहा आंदोलन लगातार 369वें दिन भी जारी रहेगा। समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि मंडल-द्वितीय में संविदाकर्मियों की छटनी की गई तो सिगरा स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा। कल समिति का प्रतिनिधिमंडल अधीक्षण अभियंता मंडल-द्वितीय से मुलाकात करेगा।

मीडिया सचिव अंकुर पांडेय ने बताया कि नगरीय विद्युत वितरण मंडल-द्वितीय में उपकेंद्रों और लाइनों के संचालन एवं अनुरक्षण के लिए कारपोरेशन नियमों के अनुसार 718 संविदाकर्मियों की जरूरत है। इसके बावजूद प्रबंधन ने मात्र 489 संविदाकर्मियों का टेंडर जारी किया है, जो 1 दिसंबर 2025 से लागू होना है। समिति के अनुसार यह फैसला जानबूझकर कर्मचारियों को अक्षम दिखाने और बनारस में बिजली आपूर्ति को प्रभावित करने के उद्देश्य से लिया गया है। समिति पहले ही नोटिस देकर इसका विरोध दर्ज करा चुकी है।

संघर्ष समिति ने कहा है कि किसी भी तरह की छटनी न केवल बिजली व्यवस्था को कमजोर करेगी, बल्कि राज्य सरकार के रोजगार बढ़ाने संबंधी निर्देशों का भी उल्लंघन होगा। मच्छोदरी, कज्जाकपुरा, इमिलियाघाट और सारनाथ क्षेत्रों में करीब दो लाख उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति, ओटीएस योजना और राजस्व वसूली के लिए भी पर्याप्त कर्मचारी आवश्यक हैं।

समिति का आरोप है कि प्रबंधन जरूरत से कम कर्मियों की तैनाती कर बिजलीकर्मियों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। समिति ने दोहराया कि वह ऐसी स्थिति बनने नहीं देगी और कानून व्यवस्था का पालन करते हुए सभी बिजलीकर्मियों के साथ मिलकर अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएगी।


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