
काशीवासियों से एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना ने अपील की है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर किसी भी व्यक्ति द्वारा ओटीपी मांगे जाने पर सतर्क रहें और ऐसी कॉल को तुरंत फर्जी मानें। उन्होंने स्पष्ट किया कि SIR के तहत वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है ताकि फर्जी मतदाताओं को हटाया जा सके, लेकिन इस प्रक्रिया में किसी भी चरण पर ओटीपी की जरूरत नहीं होती।

एसीपी ने बताया कि BLO कर्मचारी घर-घर जाकर एक निर्धारित फॉर्म भरवाते हैं, जिसमें मतदाता से आधार कार्ड सहित अन्य जरूरी जानकारियां ली जाती हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और ऑफलाइन होती है। इसके बावजूद साइबर अपराधी इसी सिस्टम का फायदा उठाकर लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि आपका फॉर्म पूरा करने के लिए ओटीपी बताना जरूरी है। जैसे ही व्यक्ति ओटीपी साझा करता है, उसके खाते या निजी डाटा के साथ छेड़छाड़ शुरू हो जाती है।
विदुष सक्सेना ने साफ किया कि BLO या किसी भी सरकारी कर्मी को ओटीपी मांगने का कोई अधिकार नहीं है। अगर किसी अनजान नंबर से ऐसी कॉल आती है तो उसे नजरअंदाज करें और तुरंत रिपोर्ट दर्ज करें। ऐसे मामलों की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर की जा सकती है ताकि संदिग्ध नंबरों की पहचान हो सके और आगे की ठगी रोकी जा सके।
उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें, न ही फोन पर अपने बैंक या आधार से जुड़ी जानकारी साझा करें। जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे मजबूत तरीका है। जरूरत पड़ने पर 1930 हेल्पलाइन पर भी संपर्क किया जा सकता है।