उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कोडीन फॉस्फेट युक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक दवाओं के अवैध व्यापार में शामिल एक अंतर्राज्यीय सिंडिकेट का खुलासा किया है। फसाड द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के दौरान यह पकड़ हुई, जिसमें अवैध भंडारण, खरीद-बिक्री और संभावित अवैध डायवर्जन की पुष्टि हुई। विभाग ने इस मामले में ऐबट हेल्थकेयर के सुपर स्टॉकिस्ट, मेसर्स शैली ट्रेडर्स (रांची) और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ थाना कोतवाली, वाराणसी में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की है।

जांच में सामने आए मुख्य तथ्य
जांच में पता चला कि मेसर्स शैली ट्रेडर्स ने 2023 से 2025 के बीच ऐबट हेल्थकेयर से करीब 89 लाख फेन्सीडील कफ सिरप खरीदा था। इनमें से लगभग 84 लाख बोतलें वाराणसी के 93 मेडिकल स्टोरों को बेची गईं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह अवैध आपूर्ति का मुख्य केंद्र वाराणसी को दर्शाता है।
नियमों का खुला उल्लंघन
जांच में यह भी सामने आया कि शुभम जायसवाल एक ही अवधि में मेसर्स शैली ट्रेडर्स, रांची और मेसर्स न्यू वृद्धि फार्मा, वाराणसी में कॉम्पिटेंट पर्सन के रूप में काम कर रहे थे। यह लाइसेंसिंग नियमों का गंभीर उल्लंघन है। शैली ट्रेडर्स के प्रोप्राइटर भोला प्रसाद और शुभम जायसवाल पिता-पुत्र हैं और दोनों का पता वाराणसी में होने से स्थानीय स्तर पर मिलीभगत की आशंका और मजबूत हो गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने खुद वाराणसी पहुंचकर कार्रवाई की निगरानी की। मुख्यालय से भेजी गई टीम में सहायक आयुक्त (औषधि) अखिलेश कुमार जैन, औषधि निरीक्षक सीमा सिंह, वैभव बब्बर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 अन्य निरीक्षक शामिल थे। 12 से 14 नवंबर 2025 के बीच मंडल की कई फर्मों की गहन जांच की गई।
