वाराणसी में दालमंडी सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा अब पूरी तरह राजनीतिक रंग लेने लगा है। शहर के बीचों बीच स्थित यह इलाका लंबे समय से अत्यधिक भीड़ और जाम की समस्या से जूझता रहा है। इसी वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सुंदरीकरण और यातायात सुधार के तहत चौड़ीकरण का काम तेज किया गया है। प्रशासन का कहना है कि सड़क को चौड़ा करने से सड़क पर चलना आसान होगा, एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए रास्ता साफ रहेगा, और आसपास के क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी।

परियोजना के अनुसार दालमंडी की मुख्य सड़क को 17.104 मीटर तक चौड़ा किया जाना है। नगर निगम और प्रशासन की ओर से जिन भवनों का अधिग्रहण पूरा हो चुका है, उन्हीं पर ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक केवल वही मकान और दुकानें तोड़ी जाएंगी जिनके मालिकों ने मुआवजा प्राप्त कर लिया है। प्रशासन बार-बार यह भी स्पष्ट कर रहा है कि जिन लोगों ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया है या जिनकी प्रक्रिया बाकी है, उनके पक्ष को सुना जाएगा और निर्धारित नियमों के अनुसार कार्यवाही होगी।
दूसरी ओर व्यापारियों का कहना है कि चौड़ीकरण की प्रक्रिया अचानक तेज कर दी गई है, जिससे उनके व्यवसाय पर असर पड़ रहा है। कई दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि मुआवजे की राशि वास्तविक बाजार मूल्य के अनुसार नहीं है और उन्हें पर्याप्त समय भी नहीं दिया गया।
इसी विवाद के बीच अब राजनीति भी गर्म हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चौड़ीकरण कार्य को रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि इस कार्रवाई से व्यापारियों की आजीविका प्रभावित हो रही है। अजय राय ने प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है।
दालमंडी चौड़ीकरण का मामला फिलहाल शहर में चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है। प्रशासन विकास और सुगम यातायात की बात कर रहा है, जबकि व्यापारी अपने व्यवसाय और भविष्य को लेकर चिंतित हैं।