भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता पवन सिंह को वाराणसी की अदालत से बड़ी राहत मिली है। लाखों रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली गई है। अपर जिला जज (प्रथम) देवकांत शुक्ला की अदालत ने फैसला सुनाते हुए फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इस फैसले ने पवन सिंह को कानूनी राहत दी है क्योंकि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई थी।

यह विवाद वाराणसी के होटल और ट्रेवेल्स व्यवसायी विशाल सिंह की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा है। विशाल सिंह ने कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनकी शिकायत के अनुसार वर्ष 2017 में मुंबई में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात प्रेमशंकर राय और उनकी पत्नी सीमा राय से हुई थी। दंपति ने खुद को फिल्म प्रोडक्शन से जुड़ा हुआ बताया और विशाल को फिल्म में निवेश करने की पेशकश की। उन्होंने दावा किया कि कम समय में निवेश पर अच्छा लाभ मिलेगा।
विशाल सिंह के अनुसार पवन सिंह ने भी फिल्म की सफलता और मुनाफा मिलने का आश्वासन दिया। आश्वासन पर भरोसा करके विशाल ने लाखों रुपये का निवेश कर दिया। लेकिन न तो फिल्म पूरी हुई और न ही उन्हें मुनाफा या पैसा वापस मिला। इसके बाद उन्होंने पवन सिंह सहित तीन लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की।
मंगलवार को हुई सुनवाई में पवन सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मंगलेश दुबे, अमन कुमार त्रिपाठी और रामानंद पांडेय ने दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि पवन सिंह केवल फिल्म के अभिनेता थे और प्रोडक्शन या वित्तीय लेन-देन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। वकीलों ने अदालत में ऐसे दस्तावेज भी प्रस्तुत किए जिनसे साबित होता है कि पैसा प्रोड्यूसर्स को दिया गया था, न कि पवन सिंह को।
अदालत ने दलीलें और प्रस्तुत दस्तावेजों को देखते हुए अग्रिम जमानत मंजूर कर दी। अदालत के इस फैसले के बाद अब मामले की आगे जांच पुलिस और कानूनी प्रक्रियाओं के तहत जारी रहेगी।
