
चंदौली जनपद के धीना-डैना क्षेत्र में किसानों ने अपनी एकजुटता और आत्मनिर्भरता का परिचय देते हुए अपने निजी खर्च पर घोसवा ड्रेन नंबर-2 की सफाई कर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस कार्य ने जहाँ किसानों की जागरूकता और परिश्रम को उजागर किया, वहीं सरकार के किसान हितैषी दावों की सच्चाई भी सामने ला दी।
किसानों के अनुसार, इस ड्रेन से लगभग 1500 हेक्टेयर कृषि भूमि की जल निकासी होती है। लंबे समय से सफाई न होने के कारण खेतों में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी, जिससे किसानों की मेहनत और फसल दोनों पर संकट मंडरा रहा था। प्रशासन से शिकायतें करने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो किसानों ने स्वयं अपने संसाधनों से सफाई अभियान शुरू किया।
इस संघर्ष की जानकारी मिलते ही सैयदराजा केसमाजवादी पार्टी राष्ट्रीय सचिव तथा पूर्व विधायक मनोज सिंह wने किसानों का दर्द समझा और उनके साथ कदम से कदम मिलाया। वे स्वयं धीना बाजार पहुँचे और किसानों की सहायता हेतु स्थानीय दुकानदारों से भिक्षा मांगकर ₹8221 एकत्र किए। यह राशि उन्होंने किसानों को सौंपते हुए कहा —
“किसान देश की रीढ़ हैं, और जब सरकारें उनकी उपेक्षा करती हैं, तब समाज को आगे बढ़कर उनका साथ देना चाहिए।”
मनोज सिंह के इस अनोखे कदम ने समाज को एक नई दिशा दी — नेतृत्व का अर्थ केवल मंच से भाषण देना नहीं, बल्कि ज़मीन पर किसानों के साथ खड़ा होना है।
किसानों ने इस सहयोग के लिए मनोज सिंह W” का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके इस कदम से उन्हें आर्थिक सहायता के साथ एक नैतिक संबल भी मिला।
यह घटना इस सच्चाई को उजागर करती है कि जब सरकारें मौन होती हैं, तब किसान ही अपने भाग्य के निर्माता बन जाते हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन नियमित रूप से ड्रेनों की सफाई कराए, तो किसानों को अपने ही पैसों से ऐसे सरकारी कार्य करवाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मनोज सिंह w का यह कदम न केवल सरकार की निष्क्रियता पर आईना है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा भी है — कि सच्चा नेतृत्व वही है जो संकट की घड़ी में जनता के साथ खड़ा हो।