
वाराणसी -लक्खा मेलों में शुमार नाटी इमली में भरत मिलाप हुआ। भाइयों राम-लक्ष्मण के स्वागत के लिए भरत और शत्रुघ्न जमीन पर लेट गए। दोनों छोटे भाइयों को देखकर राम और लक्ष्मण रथ से उतरकर दौड़ पड़े। राम और लक्ष्मण ने दोनों भाइयों को जमीन से उठाया। फिर राम ने भरत तो लक्ष्मण ने शत्रुघ्न को गले से लगा लिया। चारों भाइयों के मिलन के बाद मैदान जय श्रीराम के जयकारे से गूंज गया। यह पूरी लीला तेज बारिश के बीच हुई। लीला को देखने के लिए 20 हजार श्रद्धालु छाता लेकर मैदान में डटे रहे। वहीं महाराजा आनंत विभूति नारायण ने श्रीराम को चांदी की गिन्नी देकर आशीर्वाद लिया। कृष्ण कांत शास्त्री ने बताया कि इस बार बारिश के बीच में अद्भुत लीला हुई है। लीला हमने पहली बार देखी प्रभु राम के दर्शन के लिए हर कोई उत्साहित दिखा। काशी में भरत मिलाप कार्यक्रम का आयोजन लंबे समय से हो रहा है। अब यह कार्यक्रम देश ही नहीं, विश्व भर में प्रसिद्ध हो गया है। इस कार्यक्रम को देखने के लिए कई देशों से लोग यहां पहुंचे। यदुकुल के कंधे पर रघुकुल का रथ सवार होता है। आंखों में सुरमा लगाए धोती और बनियान और सर पर पगड़ी लगाए यादव बंधु मैदान में पहुंचे। श्रीराम का 5 टन का पुष्पक विमान को यादव बंधु लीला स्थल तक लाए। इस बार पूरे लीला क्षेत्र में गाड़ियों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है। 3 ड्रोन के माध्यम से क्षेत्र की निगरानी भी की जा रही है।