
वाराणसी। वी एक्सपर्ट न्यूज़ कार्यालय में रविवार का दिन विशेष रहा, जब चर्चित व्यक्तित्व शेर सिंह राणा यहाँ पहुँचे। उनका स्वागत प्रबंध संपादक अजय सिंह भदौरिया ने गर्मजोशी से किया। कार्यालय में उपस्थित सभी लोग इस मुलाकात के गवाह बने। इस दौरान माहौल उत्साहपूर्ण और गरिमामय रहा।
ऑफिस पहुँचने पर प्रबंध संपादक अजय सिंह भदौरिया ने शेर सिंह राणा का अंगवस्त्र पहनाकर सम्मान किया। यह सम्मान केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि पत्रकारिता जगत की ओर से उनकी सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता को मान्यता देने का प्रतीक भी माना गया। उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।
इंटरव्यू का अहम मुद्दा: नाम को लेकर विवाद
कार्यक्रम के दौरान वी एक्सपर्ट न्यूज़ के रिपोर्टर ने शेर सिंह राणा का विशेष इंटरव्यू भी लिया। बातचीत की शुरुआत उनके नाम को लेकर चल रहे विवाद से हुई। शेर सिंह राणा ने साफ शब्दों में कहा कि—
“विकिपीडिया पर मेरे नाम को लेकर गलत जानकारी दी गई है। मेरे माता-पिता ने मेरा नाम शेर सिंह राणा रखा है और यही मेरा असली नाम है।”
उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर गलत जानकारी डालकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है, जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है।
पृथ्वीराज चौहान की अस्थियाँ लाने का प्रसंग
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने जीवन की सबसे चर्चित घटना पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। शेर सिंह राणा ने बताया कि किस तरह उन्होंने जोखिम उठाकर अफगानिस्तान से महान राजा पृथ्वीराज चौहान की अस्थियाँ भारत लाने का कार्य किया।
उन्होंने कहा—
“मैंने यह कदम केवल व्यक्तिगत प्रसिद्धि के लिए नहीं उठाया था, बल्कि यह कार्य राष्ट्र और हमारी सभ्यता की गरिमा के लिए था। पृथ्वीराज चौहान जैसे वीर की अस्थियाँ भारत की पवित्र भूमि पर आनी ही चाहिए थीं।”
उन्होंने इस घटना से जुड़े अपने अनुभव, चुनौतियाँ और उस समय की परिस्थितियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उनके शब्दों से साफ झलक रहा था कि यह कार्य उनके जीवन का गौरवपूर्ण क्षण रहा है।
राजनीति में सक्रियता और बिहार चुनाव
शेर सिंह राणा ने बातचीत को आगे बढ़ाते हुए राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी भी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य फोकस युवाओं की समस्याओं का समाधान करना है। शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय उनके एजेंडे में सबसे ऊपर होंगे।
“हम युवाओं को राजनीति से जोड़कर उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने का कार्य करेंगे। हमारी पार्टी केवल सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए राजनीति कर रही है।”
युवाओं के लिए संदेश
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़ना होगा। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आधुनिकता की दौड़ में युवा अपने गौरवशाली अतीत को भूलते जा रहे हैं।
“यदि युवा अपने अतीत को समझेंगे, तभी वे भविष्य को मजबूत बना पाएंगे। हमारा लक्ष्य यही है कि आने वाली पीढ़ी आत्मसम्मान और गर्व के साथ जी सके।”
दो घंटे का विशेष प्रवास
शेर सिंह राणा लगभग दो घंटे तक वी एक्सपर्ट न्यूज़ कार्यालय में रुके इस दौरान उन्होंने पत्रकारों, प्रबंध संपादक और अन्य उपस्थित लोगों से खुलकर बातचीत की। कई सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद शेर सिंह राणा लखनऊ के लिए रवाना हो गए। विदाई के समय कार्यालय में मौजूद सभी लोगों ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
शेर सिंह राणा का यह दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं था, बल्कि इसमें कई ऐसे बिंदु उजागर हुए जो भविष्य की राजनीति और समाज के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
- विकिपीडिया पर उनके नाम को लेकर गलत जानकारी का मुद्दा।
- अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियाँ लाने का प्रसंग।
- बिहार चुनाव में गठबंधन के तहत उनकी पार्टी की भागीदारी।
- युवाओं को राजनीति और संस्कृति से जोड़ने का संकल्प।
इस तरह वी एक्सपर्ट न्यूज़ कार्यालय का यह आयोजन एक ऐतिहासिक पल बन गया, जहाँ शेर सिंह राणा ने न केवल अपनी पहचान और विचार स्पष्ट किए बल्कि आने वाले समय के लिए अपनी राजनीतिक रणनीति का भी संदेश दिया।