चलो चलो रे बागेश्वर धाम बैठे बालाजी नामक यह भक्ति गीत श्रद्धालुओं को बागेश्वर धाम की पावन यात्रा की ओर बुलावा देता है। इसके शब्दों में बालाजी की महिमा और आशीर्वाद की झलक मिलती है, जो भक्तों के मन को उमंग और भक्ति भाव से भर देते हैं। यह रचना केवल गीत ही नहीं बल्कि भक्ति का जीवंत निमंत्रण है।
Chalo Chalo Re Bageshwar Dham Bithe Balaji
चलो चलो रे बागेश्वर धाम बैठे बालाजी।
बालाजी देखो बालाजी।2
जन-जन का करें कल्याण देखो बालाजी।
अर्जी लगा ले भाग्य जगा ले। 2
श्री बालाजी के दर्शन पाले।2
तेरे बिगड़ी बना दे काम धडा के बालाजी।2
दूर-दूर से भक्त पधारे भूत प्रेत सब डर कर भागे।2
ऐसी सन्यासी है महाराज धडा के बालाजी।2
स्वयं प्रगट होकर कलयुग में।
अलक जगहा दी है घर घर में।
स्वयं प्रकट होकर कलयुग में।
अलक जगहा दी है घर घर में।
दिन-रात करे चमत्कार धडा के बालाजी।
जन जन का करे………
तेरे दर से न जाए कोई खाली
राम भक्त तेरी बात निराली।2
गाय अंजलि महिमा अपार
घड़ा के बालाजी….
चलो चलो रे बागेश्वर धाम……..
जब भक्त चलो चलो रे बागेश्वर धाम बैठे बालाजी को सुनते हैं तो उनके हृदय में बालाजी की छवि साकार हो उठती है। यह भजन बागेश्वर धाम के दर्शन की लालसा जगाता है और विश्वास दिलाता है कि जो भी श्रद्धा से बुलावा स्वीकार करेगा, उसे बालाजी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी। यही भाव इसे भक्तों के जीवन में विशेष बना देता है।