
भगवान गणेश का स्मरण करते ही मन में कृतज्ञता और शांति का भाव जाग उठता है। है तेरे अहसानों का मुझे गणपति जी अहसास यह भजन भक्त के उस भाव को व्यक्त करता है जिसमें वह बप्पा को हर सुख, हर सहारे का श्रेय देता है। यह धुन भक्त और बप्पा के सच्चे रिश्ते की झलक है।
Hai Tere Ahsano Ka Mujhe Ganpati Ji Ahsas
है तेरे अहसानों का मुझे गणपति जी अहसास,
फिर से आया हूं शरण में लेकर मन आस,
लेकर मन में आस करो दूर विघ्न सब मेरे,
विघ्नहर्ता कौन हरेगा सब बिन अब तेरे,
विघ्न नाशक करदे मेरे सब विघ्नों का नाश,
फिर से आया हूं शरण में लेकर मन आस,
है तेरे अहसानों का मुझे गणपति जी अहसास…..
आ गया हूं शरण में लिए बना चरणों में डेरे,
सुखकर्ता तुम्हारे होते कैसे मुझे दुःख सब घेरे,
दया दृष्टि रहे तेरी तो सुख सब रहें मेरे पास,
फिर से आया हूं शरण में लेकर मन आस,
है तेरे अहसानों का मुझे गणपति जी अहसास,
है तेरे अहसानों का राजीव को गणपति जी अहसास,
फिर से आया हूं शरण में लेकर मन में आस….
गणेश जी का आशीर्वाद जीवन की हर कठिनाई को सरल बना देता है और यही उनका सबसे बड़ा उपकार है। है तेरे अहसानों का मुझे गणपति जी अहसास सुनते हुए मन में यह अनुभव होता है कि बप्पा हर पल अपने भक्त के साथ खड़े हैं। यह भजन आस्था और कृतज्ञता का सुंदर संगम है जो हृदय को गहराई से छू लेता है।

