
गणेश जी का नाम लेते ही मंगल और सुख का मार्ग स्वयं खुल जाता है। मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए भजन भक्तों के हृदय में उत्सव और आनंद की लहर भर देता है। इस भक्ति धुन में बप्पा के आगमन की छवि झलकती है, जो भक्तों के घर-आंगन को पावन बना देती है।
Mangal Murti Rup Lekar Ganpati Ji Aa Gye
मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए,
भक्त जनों के दिल पर देवा, दूर दूर तक छा गए,
गणपति बप्पा मोरया मंगलमूर्ति मोरया….
अब ना कोई दुखी रहेगा देवा का आशीष बरसेगा,
अंधे को आँखे मिलेंगी, लंगड़ा भी अब दौड़ पड़ेगा,
भक्ति की सच्ची लगन, सद् भक्तों को लगा गए,
मंगलमूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए…..
शिव शक्ति के लाल प्यारे, देते हैं सुख के उजियारे,
तीनों लोक में गूँज रहे हैं, सिद्धि विनायक के जयकारे,
कितनी ही डगमग नैया को बप्पा पार लगा गए,
मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए……
इच्छा पूर्ति कहलाते हैं, कृपा अमृत बरसाते हैं,
प्रेम से सबको निहारते हैं, भाग्य सबके सँवारते हैं,
जीवन की मुरझाई बगिया, सुगंध से महका गए,
मंगलमूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए…..
अहंकार का नाश करते, भक्तों के घर वास करते,
अपने दिव्य चमत्कार से, पतझड़ को मधुमास करते,
घर आंगन में रंग बिरंगे, सुख के फूल खिला गए,
मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए…….
गणेश जी का स्मरण जीवन से विघ्नों को दूर कर सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करता है। मंगल मूर्ति रूप लेकर गणपति जी आ गए सुनते ही मन में यह विश्वास जागता है कि बप्पा का आशीर्वाद हर क्षण हमारे साथ है। यह भजन हमें भक्ति के उस पथ पर ले जाता है, जहाँ केवल शांति और आनंद का वास होता है।

