
कर के इशारा बुला ले कान्हा भजन भक्त और कान्हा के बीच के उस मधुर संवाद को दर्शाता है जहाँ भक्त अपने श्यामसुंदर के बुलावे का इंतज़ार करता है। यह भजन हृदय में उस आत्मीयता को जगाता है जहाँ कान्हा का एक संकेत ही जीवन का सबसे बड़ा सुख बन जाता है। इसे सुनते ही मन कान्हा की बांसुरी की धुन और उनके स्नेहिल आह्वान में खो जाता है।
Kar Ke Ishara Bula Le Kanha
कर के इशारा , बुला ले कान्हा,
कर के इशारा, बुला ले कान्हा,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
जो तू कान्हा, मथुरा बुलावे,
जो तू कान्हा, मथुरा बुलावे,
यमुना जी में लगाऊं डुपकी ,
यमुना जी में लगाऊं डुपकी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
कर के इशारा , बुला ले कान्हा,
कर के इशारा, बुला ले कान्हा,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
जो तू कान्हा , गोकुल बुलावे,
जो तू कान्हा, गोकुल बुलावे,
गोकुल की कान्हा, मैं खाऊं मिट्टी,
गोकुल की कान्हा, मैं खाऊं मिट्टी
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
कर के इशारा , बुला ले कान्हा,
कर के इशारा, बुला ले कान्हा,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
जो तू कान्हा, वृंदावन बुलावे,
जो तू कान्हा, वृंदावन बुलावे,
बंसीवट पे सुनू मैं बंसी,
बंसीवट पे सुनू मैं बंसी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
कर के इशारा , बुला ले कान्हा,
कर के इशारा, बुला ले कान्हा,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
जो तू कान्हा, बरसाना बुलावे,
जो तू कान्हा, बरसाना बुलावे,
राधा जी से पाऊं मैं भक्ति,
राधा जी से पाऊं मैं भक्ति,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
कर के इशारा , बुला ले कान्हा,
कर के इशारा, बुला ले कान्हा,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
आऊ दौड़ी दौड़ी,
यह भजन हमें यह अनुभूति कराता है कि जब कान्हा बुलाते हैं तो भक्त का जीवन आनंद और शांति से भर जाता है। कर के इशारा बुला ले कान्हा सुनते समय हृदय में समर्पण का भाव जागता है और आत्मा कृष्ण के प्रेम में लीन हो जाती है। यह स्मरण कराता है कि कान्हा का एक आह्वान ही मोक्ष और भक्ति का मार्ग है।

