
चुपके चुपके रोने वाले, अश्कों को ना बहा भजन एक भक्त के दर्द और उसके आंतरिक संघर्ष को दर्शाता है। इसमें संदेश छिपा है कि दुखों में आंसू बहाने के बजाय प्रभु पर भरोसा करना चाहिए। यह भजन सुनते ही मन को सांत्वना और आत्मा को सहारा मिलता है कि प्रभु हर पीड़ा को दूर करने वाले हैं।
Chupke Chupke Rone Wale,ashko Ko Na Bhaa
चुपके चुपके रोने वाले,अश्कों को ना बहा
कोई नहीं है तेरा यहां,कौंन आसुं पोछेंगा
चुपके चुपके….
सुख़ गया आखों का पानी,तेरी याद में रोते रोते
प्रानन प्यारे मिलना सका,जीवन खोते खोते
चुपके चुपके रोने वाले,अश्कों को ना बहा
कोई नहीं है तेरा यहां,कौंन आसुं पोछेंगा
चुपके चुपके.…
मुख सुख़ गया जब रोते हुए,तब अम्रित भी बरसाया तो क्या
भवसागर में जब डुब चुके,तब नाव किनारे पे लाया तो क्या
दृग लोचन बंद हमारे हुए,निष्ठुर तुं मुस्कराया तो क्या
जब जीवन ही ना रहा जग में,फिर आकर दर्शन दिखाया तो क्या
कौई नहीं है तेरा यहां,कौंन आसुं पोछेंगा
चुपके चुपके रोने वाले,अश्कों को ना बहा
कोई नहीं है तेरा यहां,कौंन आसुं पोछेंगा
चुपके चुपके….
यह भजन जीवन की कठिन घड़ियों में शक्ति और धैर्य का संदेश देता है। चुपके चुपके रोने वाले, अश्कों को ना बहा सुनकर यह अनुभूति होती है कि प्रभु के नाम और उनकी शरण में जाने से हर दुःख हल्का हो जाता है। यह भक्ति का वह स्वर है जो निराश मन को आशा और विश्वास से भर देता है।

