
मेरे भोले बाबा ने वियाह रचाया भजन भोलेनाथ के विवाह प्रसंग की पावन गाथा को सुरों में पिरोता है। यह गीत हमें उस अलौकिक क्षण की याद दिलाता है जब भगवान शिव और माता पार्वती का दिव्य मिलन हुआ था। इस भजन को सुनते ही भक्ति का सागर उमड़ पड़ता है और मन शिव-शक्ति की महिमा में खो जाता है।
Mere Bhole Baba Ne Viyah Rachaya
मेरे, भोले बाबा ने, वियाह रचाया, वियाह रचाया ll
मेरी, गौरां मईया को, दुलहन बनाया, दुलहन बनाया ll
इस शादी की, शान देखकर, राम ने ङंका बजाया ll
सीता जी को, साथ नचा कर, खूब धमाल मचाया l
मेरे, भोले बाबा ने, वियाह रचाया…
इस शादी की, शान देखकर, विष्णु ने शंख बजाया ll
लक्ष्मी माँ को, साथ नचाकर, खूब धमाल मचाया l
मेरे, भोले बाबा ने, वियाह रचाया…
इस शादी की, शान देखकर, शाम ने मुरली बजाई ll
झूम झूम के, नाचे और, राधा साथ नचाई l
इस शादी की, शान देखकर, ब्रह्मा ने वेद सुनाऐ ll
ब्रह्माणी को, साथ लै आऐ, कारज नेक कराऐ l
मेरे, भोले बाबा ने, वियाह रचाया…
इस शादी की, शान देखकर, मईया दौङी आई ll
हनुमत ने भी, नाच नाच कर, चुटकी खूब बजाई lमहाँदेव
मेरे, भोले बाबा ने, वियाह रचाया…
ऐसा दूल्हा, कहीं ना देखा, देखी ना ऐसी दुलहन ll
शिव गौरां की*, जोड़ी जग में, बनी है सबसे उतम l
मेरे, भोले बाबा ने, वियाह रचाया…
हर हर महादेव
मेरे भोले बाबा ने वियाह रचाया केवल भजन ही नहीं, बल्कि भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र विवाह की भव्यता का दिव्य अनुभव है। इसे सुनकर भक्त स्वयं को कैलाश की उस मंगलमय बेला में पाता है जहाँ भक्ति और आनंद एकाकार हो जाते हैं। यह गीत हर श्रोता के जीवन में आस्था, प्रेम और शिव–शक्ति के आशीर्वाद की अमृतवर्षा कर देता है।

