
छोटी छोटी कन्या का रूप धर के भजन मां के उस दिव्य स्वरूप का स्मरण कराता है, जब वे मासूम बालिकाओं के रूप में भक्तों को दर्शन देती हैं। इस भजन को सुनते ही हृदय में मां की करुणा और स्नेह का भाव उमड़ पड़ता है। यह स्वरुप हमें याद दिलाता है कि मां हर रूप में हमारे जीवन में पवित्रता और शक्ति का संचार करती हैं।
Chhoti Chhoti Kanya Ka Roop Dhar Ke
छोटी छोटी कन्या का रूप धर के
छोटी, छोटी कन्या का, रूप धर के,
आ के, भाग्य, जगाओ मईया, मेरे घर के ll
नौ रूपो में, सोलह श्रृंगार करके,
आ के, भाग्य, जगाओ मईया, मेरे घर के l
छोटी, छोटी कन्या का…
लाल, लाल चुनर मईया, तुझको उढ़ाऊँ,
हलवे, चने का तुझको, भोग लगाऊँ ll
तेरी, सेवा करेंगे मईया, जी भर के ll,
आ के, भाग्य, जगाओ मईया, मेरे घर के xll
छोटी, छोटी कन्या का…
फूलों, और कलियों से, घर को सजाऊँ,
जोतांवाली, मईया तेरी, ज्योत मैं जगाऊँ ll
अरदास, करूँ चरनन, शीश घर के ll,
आ के, भाग्य, जगाओ मईया, मेरे घर के xll
छोटी, छोटी कन्या का…
प्यारी, मन भावन तेरी, मूर्त बिठाऊँ,
तेरे, प्यारे भक्तो को, अपने घर बुलाऊँ ll
हाज़री, लगाऊँ मईया, झूम कर के ll,
आ के, भाग्य, जगाओ मईया, मेरे घर के xll
छोटी, छोटी कन्या का…
जो भी, आया दर पे तेरे, बन के सवाली,
किसी की भी, झोली कभी, नही गई खाली ll
जीवन, सँवारा तूने, पीड़ा हर के ll,
आ के, भाग्य, जगाओ मईया, मेरे घर के xll
छोटी, छोटी कन्या का..
छोटी छोटी कन्या का रूप धर के भजन मां की दिव्यता और उनके निराले स्वरूप की अनुभूति कराता है। इसे सुनकर हर भक्त के मन में मां के प्रति अटूट विश्वास और प्रेम जागृत होता है। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि मां का हर रूप पूजनीय है और उनकी कृपा से ही जीवन सुख, शांति और आनंद से भर जाता है।

